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इ परधानमंत्री लिहेन कुछ नाहीं, दिहेन गैस सिलेंडर

गांव का ऐसा व्यक्ति जो सरकारों को टीवी अखबारों में देखता हो। योजनाओं को कागज पर ही जानता रहा हो और अचानक एक दिन उसके घर सरकारी योजना पहु़ंच जाए तो उससे ज्यादा खुशी किसी को नहीं मिलेगी। उज्जवला योजना आवास व शौचालय योजना ऐसी ही योजनाएं हैं जो बनीं और उन घरों तक पहुंची जिनके लिए यह सब दिवास्वप्न से ज्यादा कुछ नहीं था। इलेक्शन ट्रैवल में वाराणसी से कछवां बाजार बाया कछवां रोड की यात्रा में कुछ लाभार्थी भी मिले जिनके उद्गार बताते हैं कि बदलाव बड़ा रहा है और उम्मीदें मजबूत हुई हैं। इलेक्शन ट्रैवल से मनोज द्विवेदी की रिपोर्ट

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 07:21 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 10:58 PM (IST)
इ परधानमंत्री लिहेन कुछ नाहीं, दिहेन गैस सिलेंडर
इ परधानमंत्री लिहेन कुछ नाहीं, दिहेन गैस सिलेंडर

गांव का ऐसा व्यक्ति जो सरकारों को टीवी, अखबारों में देखता हो। योजनाओं को कागज पर ही जानता रहा हो और अचानक एक दिन उसके घर सरकारी योजना पहु़ंच जाए तो उससे ज्यादा खुशी किसी को नहीं मिलेगी। उज्ज्वला आवास व शौचालय ऐसी ही योजनाएं हैं जो बनीं और उन घरों तक पहुंची जिनके लिए यह सब दिवास्वप्न से ज्यादा कुछ नहीं था। इलेक्शन ट्रैवल में वाराणसी से कछवां बाजार बाया कछवां रोड की यात्रा में कुछ लाभार्थी भी मिले जिनके उद्गार बताते हैं कि बदलाव बड़ा रहा है और उम्मीदें मजबूत हुई हैं। इलेक्शन ट्रैवल से मनोज द्विवेदी की रिपोर्ट। बस में सवार युवक का नाम चंदन पांडेय जरूर है लेकिन उनकी बातें बेहद कड़वी हैं। चुनावी सरगर्मी के सवाल पर बोले कि चुनाव पर करोड़ों-अरबों खर्च करने की जगह ऐसी व्यवस्था बने जिसमें लोग बिना तामझाम के अपना मत दे सकें। इस धन का उपयोग जनता की भलाई के लिए किया जाए। वाराणसी के लहरतारा पुल को पार करते ही रोडवेज बस रुकी और कुछ यात्री सवार हुए। छेदी यादव जो कछवां बाजार जा रहे थे बोले कि जो भी हो, इस बार के चुनाव में ज्यादा शोरगुल नहीं हो रहा है क्योंकि सबको पता है जीतने वाला कौन है। बस चल रही थी और कछवां रोड आने ही वाला था, सभी बातें कर रहे थे। पिछली सीट पर बैठे 70 वर्षीय बुजुर्ग शिवसहाय से जब यह पूछा गया कि बाबा चुनाव में का होई तो वे धीरे से बोले- हम का कहब, जवन लोग कहिहैं, उहै सुन लिहा जाई। फिर उनसे पूछा गया कि इस बार प्रधानमंत्री किसको बनाने वाले हैं। इस सवाल पर वे तुरंत बोले कि जो हैं, उहौ ठीक हैं। इ परधानमंत्री लिहेन कुछ नाहीं लेकिन सबके गैस सिलेंडर दिहेन, गांव-गांव शौचालय अउर आवास बनत हौ। बुजुर्ग रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे और बोले- आज हमरे गांव में सबके घर शौचालय बा, अइसन कबौ नाहीं भयल रहल। बिटियन के, बेमारन के और हमनी जइसन बुढ़वन बदे बहुत फायदेमंद बाहेन। तब तक कछवां रोड आ गया और बस के चालक-परिचालक जलपान के लिए नीचे उतर गए। कई सवारियां भी उतरीं और कछवां रोड से कछवां बाजार जाने वालों से बस पूरी तरह से भर गई। काफी लोग खड़े होकर यात्रा करने लगे।

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जो भी आएगा उसे काम करना पड़ेगा

भैंसा रेलवे लाइन पार करते ही गांव के परिचितों के बीच चुनावी बतकही शुरू हो जाती है। कनकसराय निवासी पवन मिश्रा ने कहा कि अब तो यह हालात है जो भी आएगा उसे काम करना पड़ेगा, नहीं तो जनता नकार देगी। पुनवासी विश्वकर्मा ने मोदी सरकार को क्लिन चिट देते हुए कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर खरी उतरी है। इतनी बिजली की आपूर्ति कभी नहीं होती थी। सड़कें मजबूत बन रहीं हैं।


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