पाकिस्तान की जेल से छूटा पुनवासी, दस दिनों बाद पहुंचेगा मीरजापुर
प्रशांत यादव मीरजापुर पाकिस्तान के लाहौर जेल से करीब 11 साल बाद रिहा हुए पुनवासी (35) प
प्रशांत यादव, मीरजापुर : पाकिस्तान के लाहौर जेल से करीब 11 साल बाद रिहा हुए पुनवासी (35) पुत्र कन्हैया निवासी भरूहना थाना देहात कोतवाली जनपद मीरजापुर दस दिनों बाद अपने घर लौटेगा। पुलिस विभाग की ओर से पुनवासी को घर लाने की कवायद शुरू कर दी गई है। पुनवासी के आने की खबर लगते ही परिवार के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पडी़, लेकिन जैसे ही उनको पता चला कि लाहौर जेल में पुनवासी को काफी यातनाएं दी गई थीं तो वे आक्रोशित हो गए। कहा कि मानसिक रूप से बीमार चल रहे पुनवासी को यातना देना दरिदों का काम है। ये काम केवल पाकिस्तान के लोग ही कर सकते हैं। उन्होंने भारत सरकार से यातना देने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की।
भरूहना निवासी पुनवासी वर्ष 2009 में एक ट्रक चालक के साथ राजस्थान घूमने गया था। इसी दौरान किसी तरह पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गया था, जिसे पाकिस्तान के लाहौर प्रांत के नूरलवा थाने की पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया था। बिना वीजा के दूसरे देश में प्रवेश करने के आरोप में कोर्ट ने पुनवासी को सात साल की सजा सुनाई थी। पूरी सजा काटने के बावजूद पुनवासी लाहौर जेल में बंद रहा। इसकी जानकारी होने पर भारत सरकार ने पुनवासी के परिजनों की खोजबीन की। पता चलने पर उसे छुड़ाने की कवायद शुरू कर दी। सरकार की पहल पर पाकिस्तान जेल से उसे रिहा कर दिया गया। पाकिस्तान देश के सैनिकों ने 17 नवंबर की सुबह पुनवासी को भारत-पाकिस्तान के बाघा-अटारी बार्डर पर तैनात बीएसएफ को सौंप दिया। अटारी के तहसीलदार जगसीर सिंह ने उसे देर रात छेरहटा के नारायणगढ़ स्थित कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर में क्वारंटाइन कर दिया। उसकी कोविड 19 की जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उससे तीन दिन तक पूछताछ की जाएगी। इसके बाद यूपी सरकार को सौंपा जाएगा। वहां से मीरजापुर पुलिस को दिया जाएगा जो उसे घर तक पहुंचाने का काम करेगी।
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छह भाई व एक बहन थे पुनवासी
भरूहना निवासी पुनवासी छह भाइयों में चौथे नंबर पर था। पांच भाइयों में चार मंगरू, गोनू, मतरू व शंकर की मौत हो चुकी है जबकि पुनवासी की तरह एक भाई मिठाईलाल भी अबूझहाल में गायब हो गया था। जिसका आज तक पता नहीं चला। पुनवासी भी इसी तरह गायब हो गया था। इसके बारे में दो महीने पहले ही पता चला कि वह पाकिस्तान के लाहौर जेल में बंद है। इसकी जानकारी होने पर उसकी बहन किरन व चचेरे भाई जवाहर दलित को हुई तो वह खुशी से उछल पड़े। वर्तमान समय में उसके घर पर कोई नहीं है। उसकी बहन किरन अपने घर बसइटा बहुती बलहरा लालगंज में रहती है। उसकी पत्नी पुनवासी का इंतजार करती रही। सात साल तक नहीं आया तो दूसरे स्थान पर शादी करके चली गई। ----
पुनवासी के मिलने की जानकारी मिली है। उसे घर लाने की कवायद चल रही है। जल्द ही उसे यहां लाकर उसके घरवालों को सौंप दिया जाएगा।
अजय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक