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झमाझम बारिश से खेतों में भरा पानी

पिछले तीन दिनों से अंतराल ले लेकर हो रही झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। मूसलाधार बारिश शुरू हुई तो शाम तक उसका सिलसिला जारी रहा। इस बीच खेत पानी से लबालब भर गए। तो दूसरी ओर नदी नाले भी उफना गए। बारिश से एक ओर जहां लोगों को गर्मी से राहत दी है वहीं धान की खेती के लिए भी यह बारिश काफी उपयुक्त मानी जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 08:55 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jun 2020 06:08 AM (IST)
झमाझम बारिश से
खेतों में भरा पानी
झमाझम बारिश से खेतों में भरा पानी

जासं, चुनार (मीरजापुर) : पिछले तीन दिनों से अंतराल ले लेकर हो रही झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। मूसलाधार बारिश शुरू हुई तो शाम तक उसका सिलसिला जारी रहा। इस बीच खेत पानी से लबालब भर गए। तो दूसरी ओर नदी नाले भी उफना गए। बारिश से एक ओर जहां लोगों को गर्मी से राहत दी है वहीं धान की खेती के लिए भी यह बारिश काफी उपयुक्त मानी जा रही है।

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मानसून ने आने के साथ ही पूर्वानुमान के मुताबिक अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। गुरुवार से इलाके में बारिश का क्रम शुरू हुआ है जो शनिवार को भी जारी रहा। रात में हुई बारिश के बाद सुबह करीब साढ़े दस पौने ग्यारह बजे तक उमस बढ़ने लगी होने लगी इसके बाद आसमान में काले बादल छाए और तेज बारिश शुरू हो गई। करीब एक घंटे तक जमकर बारिश हुई। इसके बाद बारिश का असर कुछ धीमा हुआ और बारिश रूक रूक कर होने लगी।

-गांव की गलियों और कच्चे मार्गों पर फैला कीचड़

क्षेत्र के नियामतपुर खुर्द गांव में बारिश के पानी से गांव की मुख्य मार्ग व गलियां कीचड़ में तब्दील हो गई। जिससे सबसे अधिक दिक्कत पैदल चलने वालों को हो रही है। राहगीर व क्षेत्रीय लोगों को लगातार इस कीचड़ से होकर गुजरना पड़ा। शनिवार को दिन में हुई बारिश ने नियामतपुर खुर्द की मुख्य मार्ग की सड़कें कीचड़ से सराबोर नजर आने लगी। जिससे बाइक सवार, पैदल राहगीर फिसल कर गिरते हुए नजर आए। सड़क पर पैदल चलने वालों को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है। यही नही पानी के साथ मलबा नालों में भी बहकर जा रहा है।

- नदी नाले उफनाए

लगातार हो रही अच्छी बारिश के बाद क्षेत्र के नदी नाले आदि उफना गए हैं। वहीं गंगा नदी में भी पानी का बढ़ाव दिखाई दे रहा है। लोग इस बार मानसून के आगमन को खेती की ²ष्टि से काफी अच्छा मान रहे हैं। बारिश के चलते धान की नर्सरी के लिए आवश्यक पानी खेतों में भर गया है। नर्सरी तैयार होने के बाद किसान इसकी बोआई में लग जाएंगे।


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