20 करोड़ लागत से बनी दर्जनों सड़कें पहली बारिश में ध्वस्त
लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से जनपद की एक दर्जन से अधिक बनाई गई सड़कें पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गई। राहगीर सड़कों पर बिखरी गिट्टी और गड्ढों में से सफर करने के लिए विवश है। मानक के अनुरूप सड़क नहीं बनाए जाने के चलते एक साल के अंदर ही उखड़ गई। वहीं कई सड़कें तो कई महीनों से जर्जर पड़ी है जिनके मरम्मत के बारे में विभाग सोचता भी नहीं है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से जनपद की एक दर्जन से अधिक बनाई गई सड़कें पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गई। राहगीर सड़कों पर बिखरी गिट्टी और गड्ढों में से सफर करने के लिए विवश है। मानक के अनुरूप सड़क नहीं बनाए जाने के चलते एक साल के अंदर ही उखड़ गई। वहीं कई सड़कें तो कई महीनों से जर्जर पड़ी है जिनके मरम्मत के बारे में विभाग सोचता भी नहीं है।
जनपद के पीएसी गेट से आरटीओ आफिस होते हुए जसोवर जाने वाली सड़क करीब 60 लाख रुपये की लागत से बनाई गई थी जो गड्ढे में तब्दील हो गई है। जिस पर गुजरना खतरे से खाली नहीं है। फिर भी ट्रक व अन्य गाड़िया गड्ढे में हिचकोले खाते हुए जा रही है। इससे हादसा होने की आशंका बनी हुई है। इसके अलावा छह करोड़ रुपये की लागत से बनी भटौली रोड भी खराब हो गई। दो मोहिया से शास्त्रीपुल तक पांच करोड़ की लागत से एक साल पहले ही बनी सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। घुरूहूपट्टी, से जोगियाबारी जाने वाला मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। लगभग सात करोड़ की लागत से इमामबाड़ा, वासलीगंज, पीलीकोठी, पक्का पोखरा, संगमोहाल रोड, शुक्लहा रोड, भटवा की पोखरी, समेत अन्य सड़कें भी पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। मानक के अनुरूप सड़कों का निर्माण नहीं कराए जाने के चलते पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गई, लेकिन विभाग द्वारा इनका निर्माण नहीं कराया जा रहा।
वर्जन
जर्जर सड़कों की मरम्मत कराने के लिए सूची बनाने का निर्देश दिया गया है ताकि उसका प्रस्ताव बनाकर शासन के पास भेजा जा सके। बजट पास होते ही सड़कों के मरम्मत कराने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
--कन्हैया झा अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग