खस्ताहाल सड़क पर ही चलने को ग्रामीण मजबूर
खस्ताहाल सड़क पर चलने को मजबूर ग्रामीण अदलहाट (मीरजापुर) लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड 2 द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित अदलहाट- कैलहट वाया घुरहूपुर मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गया है जिसके चलते राहगीरों को मार्ग पर आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण कैलाश सिंह दिनेश सिंह संकठा प्रसाद सिंह विपिन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित मार्ग के देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित कार्यदायी संस्था की है लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से मार्ग की मरम्मत नहीं हो पा रहा है। मार्ग में गड्ढों में पानी भरने से वाहनों के आवागमन पर राहगीरों को गंदे पानी के छींटों से सराबोर होना पड़ता है। ग्रामीणों ने प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मरम्मत कराने की मांग की है। (जासं)
अदलहाट (मीरजापुर) : लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड 2 द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित अदलहाट- कैलहट वाया घुरहूपुर मार्ग गड्ढों में तब्दील हो गया है, जिसके चलते राहगीरों को मार्ग पर आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण कैलाश सिंह, दिनेश सिंह, संकठा प्रसाद सिंह, विपिन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित मार्ग के देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित कार्यदायी संस्था की है, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से मार्ग की मरम्मत नहीं हो पा रहा है। मार्ग में गड्ढों में पानी भरने से वाहनों के आवागमन पर राहगीरों को गंदे पानी के छींटों से सराबोर होना पड़ता है। ग्रामीणों ने प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मरम्मत कराने की मांग की है। (जासं)
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फसलों की रखवाली करते किसान
हलिया, मीरजापुर: विकास खंड में सैकड़ों की संख्या में घूम रहे बेसहारा पशुओं के चलते क्षेत्र के किसानों की फसलें बर्बाद हो रहीं हैं। बेसहारा पशुओं के झुंड मौका पाते ही रौंदते हुए फसलों को चट कर जा रहे हैं। किसान अपने मेहनत की गाढ़ी कमाई को सुरक्षित रखने के लिए रात रात भर जागकर फसलों की रखवाली कर रहे हैं। क्षेत्र में एक मात्र गलरा गांव में पशु आश्रय स्थल है, लेकिन अन्य गांवों में अभी तक पशु आश्रय स्थल नहीं बन पाया है। इससे क्षेत्रीय किसानों में काफी आक्रोश है। किसान महेश दत्त त्रिपाठी, भगवत प्रसाद मौर्य, अशोक सिंह, लाल बहादुर मिश्र, देवराज सिंह, पुल्ली वर्मा, दादू सिंह ने बताया कि झुंड के झुंड पशुओं के आने से किसानों की नींद उड़ गई है। किसान धान, ज्वार, बाजरा,अरहर, मक्का, उड़द, तिल को पशुओं के रौंदने व चरने से बचाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। बर्बाद हो रही फसलों को बचाने के लिए कारगर कदम उठाने की मांग की है। (जासं)