एसडीओ साहब का पता नहीं, आपरेटर की कुर्सी भी खाली
समय ग्यारह बजे दिन मंगलवार स्थान 33 केवी बिजली उपकेंद्र कछवां। जागरण टीम के पहुंचने पर जब वह उप खंड अधिकारी के कार्यालय में कुर्सी खाली मिली। पास ही कंप्यूटर पर काम कर रहे निजी आपरेटर गौरव ने बताया की एसडीओ साहब सरचार्ज माफी योजना के कैंप के लिए किसी गांव में गए हैं, कब आएंगे इसकी जानकारी नहीं हैं। केंद्र पर नागरिक सुविधाओं का भी अभाव है जिसकी वजह से यहां आने वाले उपभोक्ताओं को समस्या होती है।
जागरण संवाददाता, कछवां (मीरजापुर) : समय ग्यारह बजे दिन मंगलवार स्थान 33 केवी बिजली उपकेंद्र कछवां। जागरण टीम के पहुंचने पर जब वह उप खंड अधिकारी के कार्यालय में कुर्सी खाली मिली। कंप्यूटर पर काम कर रहे निजी आपरेटर गौरव ने बताया की एसडीओ साहब सरचार्ज माफी योजना के कैंप के लिए किसी गांव में गए हैं, कब आएंगे इसकी जानकारी नहीं हैं। केंद्र पर नागरिक सुविधाओं का भी अभाव है जिसकी वजह से यहां आने वाले उपभोक्ताओं को समस्या होती है।
आपरेटर ही लोगों के बिजली बिल जमा कर रहे थे। वहीं एक और भी प्राइवेट आपरेटर की तैनाती है जो उस वक्त तक नहीं आया था। उसके बगल के बिजली कंट्रोल रूम में एसएसओ सतीश कुमार फाइलों में काम कर रहे थे। वही रामकुमार, उमर, राजा सेठ आदि दो दिनों से मुख्य बाजार की बिजली सप्लाई की शिकायत लेकर पहुंचे लेकिन उनकी समस्या हल नहीं हो पाई। पूछने पर बताया गया कि बिजली का वोल्टेज बाजार में इतना ज्यादा है कि सीएफएल बल्ब ब्लास्ट हो जा रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जलकर खराब हो जा रहे हैं, पर विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा है। विभाग के कैशियर चंद्रशेखर भी अपने काम में मशगूल दिखाई दिए। उपभोक्ता इरफान और राज मुहम्मद ने बताया की सरचार्ज माफी योजना के लिए वे चक्कर लगा रहे हैं, पर समाधान नहीं हो पा रहा है। उपभोक्ता कृष्ण कुमार ¨सह ने बताया कि मीटर री¨डग कम है और बिजली का बकाया ज्यादा आ रहा है। इसी तरह कई अन्य लोग भी बिजली संबंधी कई समस्याएं लेकर आए जो अधिकारियों के न रहने की वजह से हल नहीं हो पाई।
अप्रशिक्षित लोगों से चल रहा काम
विभाग द्वारा अप्रशिक्षित लोगों से काम लिया जा रहा है। इससे बिजली उपभोक्ताओं का शोषण हो रहा है। वहीं मोबाइल पर अवर अभियंता उमेश कुमार चौरसिया से समस्याओं के बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे अवकाश पर हैं। कछवां केंद्र पर महज एसडीओ, जेई, एसएसओ के अलावा कैशियर की तैनाती है। इसके अलावा दस की तादाद में निजी लाइनमैन के सहारे फाल्ट व अन्य काम कराए जा रहे हैं।