शराब की दुकानों पर धमके डीएम, पांच हजार जुर्माना
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने नगर स्थित शराब की दुकानों का औचक निरीक्षण किया। शुक्लहा में अंग्रेजी शराब ठंडी बीयर तथा देशी शराब की दुकान को चेक किया। अंगेजी शराब की दुकान के लाइसेंसी सुजीत जायसवाल व सेल्स मैन दिलीप मौर्य तथा शिवदास जायसवाल हैं। परन्तु सेल्समैन के रूप में मौके पर राज नारायन व सन्तोष कुमार पाए गए।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने नगर स्थित शराब की दुकानों का औचक निरीक्षण किया। शुक्लहा में अंग्रेजी शराब, ठंडी बीयर तथा देशी शराब की दुकान चेक किया। अंगेजी शराब की दुकान के लाइसेंसी सुजीत जायसवाल व सेल्स मैन दिलीप मौर्य तथा शिवदास जायसवाल हैं परन्तु सेल्समैन के रूप में मौके पर राज नारायन व सन्तोष कुमार पाए गए। लाइसेंस में उल्लिखित अधिकृत सेल्समैन के मौके पर न होने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए जिला आबकारी अधिकारी से दुकानदार पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया।
सरकारी ठंडी बीयर की दुकान चेक किया तो उसके लाइसेंसीधारक कंचन अग्रवाल पत्नी विनय कुमार व सेल्समैन धीरज कुमार जायसवाल पाए गए। दुकान में काफी धूल एवं गंदगी पाए जाने पर उसकी साफ-सफाई करने का निर्देश सेल्समैन को दिया। देशी शराब की दुकान पर पहुंचे तो पाया कि इसके मालिक राम लौटन पटेल वं सेल्समैन नरेन्द्र कुमार है। दुकान में काफी गंदगी मिली और प्लास्टिक के गिलास तथा अंडे के छिलके जमीन पर बिखरे मिले। उन्होंने सेल्समैन को निर्देशित किया के दुकान के अंदर बडे़ डस्टबिन रखे। दुकान के अंदर किचेन में स्थित चाट व अन्य सामान के दुकान का निरीक्षण किया तो वहां पर काफी मात्रा में प्लास्टिक के गिलास पाया। सभी गिलास को जब्त कर आबकारी अधिकारी को निर्देशित किया कि शासन द्वारा प्लास्टिक व थर्माकोल के प्रयेाग पर रोक लगाने के बाद भी शराब के दुकानों में प्रयोग किया जा रहा है। यदि आगे इस तरह की खामियां मिली तो दुकानदार का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाए। इनसेट
जिला आबकारी अधिकारी से दो दिन में मांगा स्पष्टीकरण
जासं, मीरजापुर : जिलाधिकारी सुशील पटेल ने बुधवार की दोपहर डेढ़ बजे जिला आबकरी कार्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। अचानक विभाग में धमके डीएम को देख कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। मौके पर जिला आबकारी अधिकारी नीरज त्रिपाठी उपस्थित मिले। इस दौरान उन्होंने उपस्थिति पंजिका को चेक किया तो पंजिका में जून, 2019 के बाद नवंबर 2019 की उपस्थित दर्ज की गई है लेकिन पंजिका पर अशोक कुमार कनिष्ठ सहायक एवं मो. तनवीर उर्दू अनुवाद/वरिष्ठ सहायक द्वारा हस्ताक्षर नहीं बनाया गया था।
मौके पर उपस्थित आबकारी अधिकारी से बीच का रजिस्टर गायब होने का कारण पूछने पर कोई उत्तर नहीं दिया गया। डीएम ने सभी कर्मचारियों से प्रतिदिन समय से कार्यालय में उपस्थित होकर पंजिका पर हस्ताक्षर किया जाने का निर्देश दिया। चेतावनी दी कि अगली बार गायब मिलने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के लगभग डेढ़ घंटे के बाद जिला आबकारी अधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम को बताया कि जून माह से अक्टूबर तक की उपस्थिति पंजिका भर जाने के कारण दूसरे रजिस्टर पर उपस्थिति शुरू की गई है। इसपर जिलाधिकारी ने आबकारी अधिकारी से कहा कि इसका संज्ञान पूर्व में होना चाहिए था। दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान उपस्थित पंजिका पर माह नवम्बर में अभी तक हस्ताक्षर न बनाये जाने पर उपरोक्त दोनों कर्मचारियों को चेतावनी भी दी गयी।