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ग्राम पंचायत राजपुर में डीएम की लगी चौपाल, सुनी समस्याएं

जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने मंगलवार को सिटी ब्लाक के ग्राम पंचायत रायपुर में प्राथमिक विद्यालय पर चौपाल लगाई। साथ ही कराए जा रहे विकास कार्यों का सत्यापन किया। इस दौरान जानकारी दी गई कि 1

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 08:33 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:10 AM (IST)
ग्राम पंचायत राजपुर में डीएम
की लगी चौपाल, सुनी समस्याएं
ग्राम पंचायत राजपुर में डीएम की लगी चौपाल, सुनी समस्याएं

जागरण संवाददाता, पानीपत : शहर के 26 वार्ड एलईडी लाइटों से जगमग होंगे। निगम के अधिकारियों ने सभी वार्डों में लाइट लगाने का ऑनलाइन टेंडर मंगाया है। गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। खराब होने पर लाइटें पांच साल तक बिना खर्च किए बदली जा सकेंगी। सिटीजन सुपरवाइजरी कमेटी लाइट लगाने के कार्यों की निगरानी करेगी।

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नगर निगम के वार्डों में अब अंधेरा नहीं रहेगा। नगर निगम की तरफ से लाइटों के लिए जारी किए गए ऑनलाइन टेंडर में इलेक्ट्रिकल क्षेत्र की तीन नामी कंपनियों (क्रांप्टन, हैवेल व फिलिप्स) को टेंडर के लिए आमंत्रित किया गया है। शर्त यह है कि जिस कंपनी को काम आवंटित किया जाएगा उसे पानीपत में सर्विस स्टेशन खोलना पड़ेगा। टेंडर में एक शर्त यह भी है कि कंपनी को लाइटों का पेमेंट एनएबीएल से संस्तुति किए गए लैबोरेटरी में टेस्ट पास होने के बाद ही मिलेगा। वार्डों में लाइट लगाने के लिए ऑनलाइन टेंडर भरने की तिथि मंगलवार को समाप्त हो गई है। निगम कार्यालय में बुधवार को तीसरे पहर 3 बजे टेक्निकल प्रपोजल ओपन होगा। कलर कोड मार्किंग होगी

शर्तों के मुताबिक लाइटों की बॉडी पर कलर कोड मार्किंग होगी। सफेद, पीला, नारंगी, क्रीमिश व ग्रे रंग का प्रयोग किया जाएगा। काले रंग के साथ पार्षद उस लाइट पर माह और वर्ष मार्क करेंगे। लाइट की बॉडी पर निर्माण तिथि अंकित होगी। वार्ड नंबर लागत

01 से 05 नंबर : 35.05 लाख

06 से 10 नंबर : 35.05 लाख

11 से 15 नंबर : 35.05 लाख

16 से 20 नंबर : 35.05 लाख

21 से 26 नंबर : 35.05 लाख

(जिस फर्म को लाइट लगाने का ठेका मिलेगा उसे तीन माह में कार्य पूरा करना होगा) एक वार्ड को पांच हिस्सों में बांटा, एक हिस्से की जिम्मेवारी एक कंपनी

लघु सचिवालय में जिला स्तरीय शिकायत निवारण कमेटी (डीएलजीसी) की बैठक में मंगलवार को उद्यमियों ने सेक्टर 29 पार्ट एक व दो और सेक्टर 25 पार्ट एक व दो में स्ट्रीट लाइट का मुद्दा उठाया। नगर निगम से आए एक्सईएन ने डीसी के सामने पक्ष रखा कि सभी वार्डो को पांच भागों में बांटा गया है। एक कम्पनी को इन पांच भागों में से एक की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। शहर में जल्द यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। डीसी हेमा शर्मा ने कहा कि औद्योगिक सेक्टरों में लाइट की समस्या दूर कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। हरियाणा चैंबर ऑफ कामर्स के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल ने डीसी को तीन सुझाव दिए

-टेंडर के मुताबिक सेक्टर में जो भी लाइटें लगें, उन पर तिथि अंकित की जाए। खराब होने पर गारंटी पीरियड का पता चल सके।

-लाइटों की निगरानी की जिम्मेदारी उस क्षेत्र के आरडब्ल्यूए या किसी संस्था को सौंपी जाए।

-जिस कंपनी को टेंडर आवंटित होगा उसके बिल का भुगतान तभी किया जाए जब आरडब्ल्यूए प्रधान की मुहर लगी हो।


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