जिले को बारह साल से भटौली पुल चालू होने का इंतजार
गंगा पर चुनार पक्के पुल की तरह सपा सरकार में शुरू हुआ भटौली घाट पर बना पक्का पुल सिर्फ अप्रोच रोड न होने के कारण आम जनमानस के लिए बंद पड़ा है। करीब 12 वर्षों से कछुए की चाल से बन रहे इस पुल से जिले की चार से पांच लाख की आबादी सीधे जुड़ी है।
हाईलाइटर : गंगा पर चुनार पक्के पुल की तरह सपा सरकार में शुरू हुआ भटौली घाट पर बना पक्का पुल सिर्फ अप्रोच रोड न होने के कारण आम जनमानस के लिए बंद पड़ा है। करीब 12 वर्षों से कछुए की चाल से बन रहे इस पुल से जिले की चार से पांच लाख की आबादी सीधे जुड़ी है। इसके शुरू होने से वाराणसी के राजातालाब से मीरजापुर की दूरी मात्र 25 किलोमीटर में सिमट जाएगी। जबकि वाराणसी के लिए इस समय वाया औराई या चुनार होते हुए 65 से 80 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। वर्ष 2017 की बाढ़ में निर्माणाधीन अप्रोच रोड की मिट्टी बह गई जिसके बाद से काम रूका हुआ है। इसके बाद शुरू हुआ चुनार पक्के पुल का पीएम द्वारा जुलाई 2018 में उद्घाटन हो गया और वह आम लोगों के लिए खोल दिया गया है जबकि भटौली पुल अभी भी निर्माणाधीन है। अब इसे लेकर 'दैनिक जागरण' अभियान चलाकर आमजनमानस के लिए जल्द से जल्द पक्का पुल का निर्माण कराने का प्रयास करेगा जिससे लोगों की आवागमन समस्या दूर हो और उन्हें राहत मिल सके।
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-राजनैतिक उदासीनता, प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ा निर्माण कार्य
-तीन बार बदली जा चुकी हैं कार्यदायी संस्थाएं फिर भी निर्माण अधूरा
-कछुए की चाल से बन रहा पुल, आवागमन में आमजन की बढ़ी फजीहत
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कहने को बारह साल बीत गए लेकिन भटौली का पुल नहीं बन पाया। इस सवाल का जवाब किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी के पास नहीं है। हो भी कैसे, उन्हीं की उदासीनता ने ही आम जनमानस की सुविधा के लिए तैयार हो रहे भटौली पुल को लापरवाही की गर्त में धकेल दिया। प्रदेश में तीन सरकारें आईं और गईं, लेकिन जनपद की यह महत्वाकांक्षी योजना परवान नहीं चढ़ सकी। इससे बड़ी बिडंबना और क्या होगी कि उसके बाद शुरू हुआ चुनार पुल का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सांसद व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने धूमधाम से किया। लेकिन उसके पहले से निर्माणाधीन पुल की सुध किसी ने नहीं ली। ऐसे में सियासी दांवपेच में फंसे इस अधूरे पुल का खामियाजा जिले के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
वर्ष 2007 में समाजवादी सरकार में मुखिया मुलायम ¨सह यादव ने मीरजापुर के जीआइसी मैदान पर लोगो की मांग को देखते हुए पक्का पुल निर्माण की घोषणा की थी। तब लोगों को लगा कि यह महज एक चुनावी घोषणा है, लेकिन कुछ ही दिनों के बाद कार्ययोजना बनकर तैयार हुई और शासन ने पुल निर्माण के लिए धन अवमुक्त कर दिया। इसके बाद विधानसभा चुनाव 2007 में समाजवादी सरकार सत्ता से बाहर हो गई और बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी। इन पांच वर्षों में पुल पर निर्माण की गति अत्यंत धीमी रही। वर्ष 2012 में फिर जब समाजवादी सरकार बनी तो सरकार ने कार्यदायी संस्था सेतु निगम के हाथों से काम वापस लेकर कलकत्ता की एक निजी कंपनी सीम्पलैक्स को निर्माण कार्य का ठेका दे दिया। यह प्रयोग भी असफल रहा और कुछ ही महीनों बाद फिर से पुल का निर्माण कार्य सेतु निगम को सौंप दिया गया। जब पुल की गुणवत्ता को लेकर अंगुलियां उठनी शुरू हुई तो अभियंताओं का तबादला कर दिया गया। इसी दौरान पुल पर जाने के लिए बरैनी की तरफ से बनने वाले अप्रोच सड़क निर्माण के लिए मिट्टी पटाई का काम तीन करोड़ रुपये के खर्च पर पूरा हुआ। लेकिन वर्ष 2017 में आई बाढ़ में मिट्टी सहित तीन करोड़ पानी में बह गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनी तो आमजनमानस ने पुल के लिए फिर से हुंकार भरनी शुरू की। भाजपा के जनप्रतिनिधियों समेत आला अधिकारियों ने निरीक्षण कर निर्माण कार्य तेज करने का आदेश दिया और अब तक कई बार पुल बनकर तैयार होने की बात भी सामने आई। लेकिन अफसोस इस पुल से गंगा पार करना यहां के लोगों के लिए दिवास्वप्न ही बना हुआ है।
लोग बोले-
भटौली का निर्माणाधीन पक्का पुल जनपथ है। इसमें राजनीति नहीं होना चाहिए और गुणवत्ता का ख्याल रखते हुए कुशल निर्देशन पर अति शीघ्र चालू हो जाना चाहिए।
प्रेम ¨सह गर्ग, बजहां
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अब तो मेडिकल कालेज का भी निर्माण होना है। पुल बन जाने से छात्र-छात्राओं को बहुत लाभ मिलेगा। वहीं मुख्यालय से सीधा जुड़ाव हो जाएगा, अब समय बहुत बीत चुका है।
हरिमोहन ¨सह, कछवां डीह
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पक्का पुल निर्माण में बहुत विभागीय मनमानी हुई है। जब से पुल का काम शुरू हुआ है तब से इसके निर्माण कार्य की समय सीमा भी खत्म हो चुकी है लेकिन पुल आज तक नहीं बना।
ताड़क नाथ भारती, कछवां परेड
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भटौली पक्का पुल का चालू करने के लिए कई बार आधिकारिक बात कही गई लेकिन कार्यदायी संस्था को जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता और अपनी मनमानी करते आ रहे हैं। इस प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा अब पुल के लिए आंदोलन होगा।
शिवशंकर चौबे, सेमरी
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पुल का निर्माण हो जाने से मीरजापुर वाराणसी की दूरी 35 किमी कम हो जाएगी और क्षेत्र का विकास होगा। इस बार तो पीपा पुल भी नहीं बन रहा तो जल्दी ही निर्माण पूरा होना चाहिए।
विनीत विक्टर, कछवां क्रिश्चियन कम्पाउंड
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यह सरासर लापरवाही है और इसके लिए जिला प्रशासन सहित कार्यदायी संस्था दोषी है। काम पूरा न होने से हजारों लोगों को जो तकलीफ हो रही है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती।
जावेद आलम, कछवां दर्जियान