जनपद के पर्यावरणविद को अब ब्रिटिश संसद में मिलेगा सम्मान
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व जिले के जाने माने बुद्धिजीवी सतीश चंद्र उपाध्याय को ब्रिटिश संसद में पर्यावरण संरक्षण समाज कल्याण और श्रीमछ्वागवत गीता के प्रचार प्रसाद के लिए सम्मानित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय संस्था कांन्फ्लूएंश द्वारा 27 सितंबर को यह सम्मान दिया जाएगा। यह समारोह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें वर्ष पर विश्व में शांति व अहिसा का संदेश देने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त व जिले के जाने माने बुद्धिजीवी सतीश चंद्र उपाध्याय को ब्रिटिश संसद में पर्यावरण संरक्षण, समाज कल्याण और श्रीमछ्वागवत गीता के प्रचार प्रसाद के लिए सम्मानित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय संस्था कांन्फ्लूएंश द्वारा 27 सितंबर को यह सम्मान दिया जाएगा। यह समारोह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें वर्ष पर विश्व में शांति व अहिसा का संदेश देने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
मूलरुप से कछवां थानाक्षेत्र के बजहां गांव निवासी सतीश चंद्र मिश्रा आबकारी आयुक्त पद से 2006 में सेवानिवृत्त हैं। इसके बाद से ही वे पर्यावरण संरक्षण व समाज कल्याण के प्रति समर्पित हो गए। अपने कार्यकाल के दौरान भी सतीश चंद्र उपाध्याय ने पूरी निष्ठा से लोगों के लिए कार्य किया व कई सुधार भी किए। पर्यावरण संरक्षण, जनहित व समाज कल्याण के प्रति बचपन से ही उनका झुकाव रहा। उन्होंने प्रदेश के कई जिलों में हजारों की संख्या में पौधारोपण कर पर्यावरण की बेहतरी के लिए कार्य किया। सेवानिवृत्ति के बाद से ही सतीशचंद्र उपाध्याय गीता के प्रचार प्रसार में जुटे और विश्व कल्याण की भावना से कार्य करना शुरू किया। वे ब्रिटेन व अमरीका जैसे देशों में जाकर गीता के उपदेशों का अपनाने का संदेश दिया और लगातार यह कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मानव कल्याण के लिए कई पुस्तकें लिखीं और लोगों के कल्याण के लिए गीता मिशन की स्थापना की। उनके पुत्र व उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता आदर्श उपाध्याय ने बताया कि पिता की इस उपलब्धि पर खुशी है साथ ही उनके मिशन से हजारों लोगों को प्रेरणा मिल रही है।