बिना सूचना विद्यालयों से गायब हो जा रहे शिक्षक
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में संचालित परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों के बिना सूचना के विद्यालयों से अनुपस्थित रहने की प्रवृत्ति नहीं थम रही है। हालांकि कई बार अधिकारियों के निरीक्षण में गायब मिलने पर उन पर कार्रवाई भी हुई। इसके बाद भी यह सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। जिले के 12 वि
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में संचालित परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों के बिना सूचना के विद्यालयों से अनुपस्थित रहने की प्रवृत्ति नहीं थम रही है। हालांकि कई बार अधिकारियों के निरीक्षण में गायब मिलने पर उन पर कार्रवाई भी हुई। इसके बाद भी यह सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है।
जिले के 12 विकास खंड एवं नगर पालिका क्षेत्र में इस समय 2216 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें तकरीबन साढ़े सात हजार शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं। नगर में तो व्यवस्था कुछ ठीक है लेकिन जो विद्यालय सुदूर क्षेत्र में हैं वहां पर प्राय: शिक्षक बिना किसी सूचना के अनुपस्थित हो जाते हैं या कहा जाए कि गायब हो जाते हैं। जब कोई अधिकारी पहुंचता है तो यह पोल खुल जाती है नहीं तो यह सिलसिला चलता रहता है। यदि विद्यालय में दो तीन अध्यापक हैं तो कहना ही क्या, सभी तालमेल से अवकाश ले लेते हैं और विभाग को पता ही नहीं चलता। इसमें विद्यार्थियों का नुकसान होता है। एमडीएम तक सिमट गई है पढ़ाई
इन परिषदीय विद्यालयों की स्थिति ऐसी हो गई है कि पूरी व्यवस्था मात्र एमडीएम तक ही सिमट कर रह गई है। शिक्षा की गुणवत्ता तो कहीं दिखाई ही नहीं देती। सरकार शिक्षकों को मोटा वेतन देती है लेकिन उसका लाभ बच्चों को नहीं मिल पाता। ऐसा नहीं कि सारे ही शिक्षक ऐसे हैं लेकिन जो हैं उनकी वजह से सारे शिक्षकों का नाम बदनाम हो रहा है। कंट्रोल रूम व व्हाट्सएप
ग्रुप की है व्यवस्था
आज के हाईटेक जमाने में शिक्षा विभाग ने भी शिक्षकों की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम बना रखा है। उसके बाद विभाग की ओर से व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है ताकि जो शिक्षक किसी कारणवश अवकाश चाहते हैं अथवा किसी कारण से विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं वे इस ग्रुप पर अपनी सूचना डाल दें। ताकि सभी को उनकी अनुपस्थिति की जानकारी मिल जाए लेकिन कतिपय शिक्षक इस सुविधा का लाभ न उठाकर गायब हो जा रहे हैं। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। यह गंभीर अनियमितता है। सभी शिक्षकों को पहले ही सचेत किया जा चुका है लेकिन कई शिक्षक फिर भी नहीं मान रहे हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
- प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए, मीरजापुर।