मासूम की गुहार पर नहीं पसीजा बड़ी बहन का दिल
जागरण संवाददाता मीरजापुर अपनी मौत से अनजान दस वर्षीया मासूम को जब उसकी बड़ी बहन ने प्रेमी
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अपनी मौत से अनजान दस वर्षीया मासूम को जब उसकी बड़ी बहन ने प्रेमी के साथ मिलकर देहात कोतवाली के आमघाट रेलवे क्रासिग के पास देर रात ले जाकर ट्रेन के सामने जिदा फेंका तो वह नहीं मरी। केवल उसके दोनों पैर ही कटे। खून से लथपथ और दर्द से बेचैन मासूम ने रोते हुए रेलवे लाइन किनारे से अपनी बड़ी बहन से कहा कि यह क्या कर रही हो दीदी। उसे क्यों मारना चाहती हो। अब उसके बारे में वह पापा से कुछ नहीं कहेगी। वह अपनी जान बचाने के लिए बहन के सामने गुहार लगाती रही, लेकिन उसकी बहन ने एक नहीं सुनी। उसके सिर पर तो केवल उसकी हत्या करने का भूत सवार था।
प्रेमी प्रमोद ने विवरण देते हुउ बताया कि वह दोबारा उसके पास पहुंची और गला दबाकर हत्या करने लगी। शोर मचाने पर उसने उसका मुंह दबा दिया, जिससे कुछ ही देर बाद उसकी सांसें थम गईं। इसके बाद हत्याकांड को दुर्घटना का रूप देने के लिए दोनों वहीं चार घंटे तक दूसरी ट्रेन के आने का इंतजार करते रहे। रात करीब दो बजे जब दूसरी ट्रेन आई तो उसके शव को दोबारा रेलवे पटरी पर रख दिया गया जिसके इंजन में फंसकर वह करीब पांच मीटर तक घिसटती हुई चली गई। पहियों के नीचे आने के कारण शव क्षत-विक्षत हो गया। यह देखकर आश्वस्त होने के बाद दोनों वहां से फरार हो गए। प्रेमी प्रमोद बिद ने बताया कि उसके रोने पर वह एक बार पिघल गया था लेकिन फिर सोचा कि वह जिदा बच गई तो वह उन लोगों के बारे में बता देगी इसलिए उसे मार दिया। मौत से अनजान मासूम ने खूब की मस्ती
: वारदात से पहले अपनी मौत से अंजान पड़री निवासी मासूम ने बड़ी बहन के साथ गुरुवार को खूब मस्ती की। उसको आरोपितों ने दिन भर घुमाया और जमकर खिलाया-पिलाया। गंगा किनारे घुमने गई। गोल गप्पे खाए और आइसक्रीम भी खाई। कपड़े की दुकान पर जाकर कपड़ा भी खरीदा लेकिन उस मासूम को अपनी बड़ी बहन के आपराधिक इरादों का जरा भी अंदाजा नहीं था। रात होने पर मासूम ने कहा, डर लग रहा चलो घर : रात होने पर रेलवे लाइन किनारे जाने पर मासूम ने कहा कि उसे यहां डर लग रहा है, घर चलो। इस पर बड़ी बहन ने कहा कि वह साथ में है, डरने की जरूरत नहीं है। पहले गंगा में फेंकने का था प्लान : प्रेमी व उसकी बड़ी बहन ने पहले उसे गंगा में फेंककर मारने की प्लान बनाई थी। इसके लिए सभी शास्त्री सेतु पर गए। वहां काम चल रहे होने के कारण वापस लौट आए। फिर बिसुंदरपुर घाट पर गए। वहां भी गंगा किनारे गए लेकिन वहां भी कुछ लोग मौजूद थे। इसके बाद ही उसे ट्रेन के सामने फेंककर मारने की साजिश रची। रेलवे लाइन किनारे पहुंचकर उसे ट्रेन के सामने फेंक भी दिया लेकिन बालिका की मौत नहीं हुई तो उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। अपने ही मां बाप को बताया सौतेला : पड़री निवासी दिलीप मेहनत मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाता था। उसे दो पुत्रियों के अलावा तीन पुत्र हैं। पुत्रियां बड़ी थीं और तीनों पुत्र छोटे हैं। हत्याकांड को छिपाने के लिए पुलिस के सामने उसकी बड़ी बेटी ने कहा कि वे लोग उनके माता-पिता नहीं हैं। वह उनकी सौतेली बेटी है और उसके माता-पिता की हत्या उसके चाचा ने कुछ साल पहले ही कर दी थी इसलिए उसने अपनी चचेरी बहन को मार डाला। यह सब सुनकर उसकी मां बिफर पड़ी। उन्होंने कहा कि यह इतनी नीचे गिर सकती है, उसने नहीं सोचा था। उसकी कोख से पैदा होने के बावजूद उसे सौतेली मां बोल रही है।