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खतरनाक मेडिकल वेस्ट से पटा मंडलीय अस्पताल

संविदा पर तैनात सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से मंडलीय चिकित्सालय खतरनाक मेडिकल वेस्ट से पट गया है। परिसर में चारों तरफ गंदगी फैलने के चलते मरीजों में इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 09:39 PM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 06:07 AM (IST)
खतरनाक मेडिकल वेस्ट से पटा मंडलीय अस्पताल
खतरनाक मेडिकल वेस्ट से पटा मंडलीय अस्पताल

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : संविदा पर तैनात सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से मंडलीय चिकित्सालय खतरनाक मेडिकल वेस्ट से पट गया है। परिसर में चारों तरफ गंदगी फैलने के चलते मरीजों में इंफेक्शन फैलने का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सालय के सफाई व्यवस्था पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो स्वस्थ होने के लिए चिकित्सालय में भर्ती हुए मरीज इंफेक्शन की चपेट में आकर गंभीर रोगों के शिकार हो जाएंगे। इसके लिए उन्हें गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं।

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मंडलीय चिकित्सालय की सफाई और चिकित्सीय सुविधा सुधारने के लिए तत्कालीन सपा सरकार ने आउट सोर्सिंग के माध्यम से संविदा कर्मचारियों की प्रदेशभर के चिकित्सालयों में तैनाती की थी। इसी के तहत मंडलीय चिकित्सालय में 35 सफाई कर्मी तैनात किए गए थे। इसके अलावा फार्मासिस्ट समेत अन्य कार्य के 80 कर्मचारी की तैनाती की गई थी। बीजेपी सरकार बनने के बाद सरकार के नुमाइदों ने पूर्व सरकार द्वारा रखे गए कर्मचारियों की भर्ती को अवैध बताते हुए उनकी संविदा समाप्त कर दी। दो महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। कहा कि जबतक उनका मानेदय नहीं दिया जाएगा तबतक वे काम नहीं करेंगे। कर्मचारियों के हड़ताड़ पर जाने से चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई। इमरजेंसी, वार्ड, परिसर समेत अन्य स्थान पर सफाई नहीं होने से गंदगी का अंबार लग गया। खतरनाक मेडिकल वेस्ट से भी अस्पताल पटता जा रहा है। पूरा चिकित्सालय परिसर बदबू देने लगा है। बदबू फैलने के कारण कर्मचारी मुंह बांधकर काम करने के लिए विवश है। मरीज भी मजबूरी में भर्ती चल रहे है। साफ सफाई नहीं होने से चिकित्सालय के परिसर में चारों ओर गंदगी ही गंदगी दिखाई दे रही है। मरीज भी अस्पताल की चरमराई व्यवस्था से बेहद दुखी है। उनका कहना है कि एक ओर प्रधानमंत्री सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्वच्छता मिशन अभियान चला रहे हैं वहीं दूसरी ओर उन्हीं की प्रदेश सरकार गंदगी फैलाने को बढ़ावा देते हुए कर्मचारियों की संविदा समाप्त करती जा रही है। मरीजों ने सरकार से कर्मचारियों को तैनात करने की मांग की। इनसेट

संविदा कर्मियों के सहारे सफाई व्यवस्था

मंडलीय चिकित्सालय की सफाई व्यवस्था संविदा कर्मचारियों के सहारे चल रही थी। क्योंकि चिकित्सालय में मात्र सात कर्मचारी परमानेंट है। जबकि 35 संविदा कर्मचारी आउट सोर्सिंग के माध्यम से रखे गए थे। कंपनी के करार को समाप्त करने के कारण यह समस्या उपन्न हुई है। इनसेट

मेडिकल वेस्ट से कैसे होगा खतरा

मंडलीय चिकित्सालय में सफाई नहीं होने के चलते मेडिकल वेस्ट से निकले वाले कचरे वार्ड समेत परिसर में भी फेंके जा रहे हैं। जबकि खून से सने काटन व पटिटयों को तत्काल जलाने का निर्देश है। इसके अलावा सूई, समेत अन्य कचरे को नष्ट नहीं किया जा रहा है। उसे परिसर में ही रख दिया जा रहा है। इससे मरीजों में इंफेक्शन बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। वर्जन

मंडलीय चिकित्सालय में तैनात संविदा कर्मियों की संविदा समाप्त कर दी गई है। इनका रिनिवल नहीं किया गया है। जिलाधिकारी व शासन को पत्र लिखकर समस्या से अवगत करा दिया गया है। मामला हल होने की संभावना है।

-आलोक कुमार प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक मंडलीय चिकित्सालय।


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