कोल फैक्ट्री के नाम पर फूंका जा रहा है धड़ल्ले से कोयला
नरायनपुर पुलिस चौकी से लगभग 300 मीटर दूरी पर ग्राम जमालपुर मुचलके बरईपुर के तहत स्कूल के पास खुलेआम अवैध रूप से कच्चा कोयला जलाकर पक्का कोयला (पोड़ा) बनाया जा रहा है। कूकिग कोल फैक्ट्री की आड़ में मानक के विपरीत कोयले का गोरखधंधा फलफूल रहा है। कूकिग कोल फैक्ट्री के नाम पर सरकारी दर से कोयला उठाकर कालाबाजारी कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। इस कोयला फैक्ट्री में कोयला का क्रय विक्रय भी अवैध रूप से होता है।
जागरण संवाददाता, नरायनपुर (मीरजापुर) : नरायनपुर पुलिस चौकी से लगभग 300 मीटर दूरी पर ग्राम जमालपुर मुचलके बरईपुर के तहत स्कूल के पास खुलेआम अवैध रूप से कच्चा कोयला जलाकर पक्का कोयला (पोड़ा) बनाया जा रहा है। कूकिग कोल फैक्ट्री की आड़ में मानक के विपरीत कोयले का गोरखधंधा फलफूल रहा है। कूकिग कोल फैक्ट्री के नाम पर सरकारी दर से कोयला उठाकर कालाबाजारी कर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। इस कोयला फैक्ट्री में कोयला का क्रय विक्रय भी अवैध रूप से होता है।
कोयला फैक्टरी के नाम पर लगे मशीनों में जंग लगे हुए है, उस पर पेड़ पौधे की झाड़ उग आए है लेकिन कागज में फैक्टरी की मशीनें चल रही है। स्मोकलेश उद्योग के लिए 50 फीट उंचाई से ऊपर प्रदूषण यंत्र लगा चिमनी अनिवार्य है। कोयले की धुंआ चिमनी से ही निकलनी चाहिए। कोल फैक्ट्री में अवैध रूप कोयला जलाकर पक्का कोयला बनाया जा रहा है। इस काला धंधे के करीब ही उत्तर तरफ एक स्कूल है, जहां हजारों बच्चे पढ़ते है, दक्षिण तरफ जमालपुर गांव बसा है। पोड़ा कोयला बनाने के दौरान निकलने वाला धुंआ जानलेवा होता जा रहा है। वायु प्रादुषण से सांस की बीमारी फैलने का डर बन गया है। फसलों पर भी बुरा असर पड़ रहा है। कोयला जलाने से निकलने वाले धुंए से हाइड्रोकार्बन, कार्बनमोनो आक्साइड जैसी जहरीली विषाक्त गैस से घातक बीमारी फैलने की आशंका रहती है। क्षेत्रीय प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा कोई ध्यान नही दिए जाने आसपास के ग्रामीणों में रोष ब्याप्त हो गया है। गांव के मनीष कुमार, जमालुद्दीन, विवेक कुमार, बालचंद्र प्रसाद, रामबचन, रामकुमार, इरफान अहमद आदि ने मानक के बिपरित अवैध धन्धा को बंद कराने की मांग की है।