चुनार नगर के विकास को 23.32 करोड़ का बजट पास
कोरोना संकट के बीच नगरवासियों की बेहतरी के लिए बुधवार को नगर पालिका परिषद बोर्ड की बजट बैठक में हंगामे के बीच 23 करोड़ बत्तीस लाख रुपए का बजट बहुमत से पास कर दिया गया। बजट बैठक में कुछ प्रस्तावों और व्यवस्थाओं को लेकर सभासदों ने अपना विरोध दर्ज कराया लेकिन नगर के विकास के लिए प्रस्तावित बजट को पास कर दिया गया।
जासं, चुनार (मीरजापुर) : कोरोना संकट के बीच बुधवार को नगर पालिका परिषद बोर्ड की बजट बैठक में हंगामे के बीच 23 करोड़ बत्तीस लाख रुपए का बजट बहुमत से पास कर दिया गया। बजट बैठक में कुछ प्रस्तावों और व्यवस्थाओं को लेकर सभासदों ने अपना विरोध दर्ज कराया लेकिन नगर के विकास के लिए प्रस्तावित बजट को पास कर दिया गया। बैठक में सबसे अधिक विरोध नगर की ध्वस्त मार्ग व प्रकाश को लेकर था।
अध्यक्ष की अनुमति से लेखाकार शमशेर सिंह ने 23 करोड़ 32 लाख 30 हजार का अनुमानित व्यय बजट पेश किया। नगर के विकास के लिए 22 मदों में व्यय की जाने वाली धनराशि का बजट प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि सफाई विभाग अधिष्ठान के मद में दो करोड़ बीस लाख तथा सफाई विविध व्यय में अस्सी लाख, जलकल अधिष्ठान के लिए एक करोड़ साठ लाख तथा जलकल विविध व्यय में सत्तर लाख, चौदहवा वित्त के लिए चार करोड़, सार्वजनिक निर्माण के लिए साढ़े तीन करोड़ समेत अन्य कई मदों में अनुमानित व्यय का खाका खींचा गया है। इस दौरान नपा अध्यक्ष मंसूर अहमद व ईओ प्रतिभा सिंह ने बोर्ड बैठक के बाद संबंधित पटल के लिपिक के पेच भी कसे। इस मौके पर जेई जल सौरभ प्रकाश सिंह, एसआई द्वय मिथिलेश कुमार व लालमणि यादव सभासद संगीता यादव, शीला यादव, शांति देवी, पूजा सिंह, रूबी, जितेंद्र कुशवाहा, सूर्यबली यादव आदि थे। सभासदों ने जताया विरोध
सभासद रविद्र कश्यप ने भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए विकास कार्यों में अपने वार्ड की उपेक्षा किए जाने की बात कही। सभासद गौतम मौर्या ने भरपुर वार्ड में ध्वस्त प्रकाश व सफाई व्यवस्था का मामला उठाते हुए कहा कि उनके द्वारा अपने निजी खर्च से बल्ब व तारें बदलवाई गई हैं। उन्होंने निगरानी समिति बनाने की बात भी कही। सभासद राजेश कुमार राजू ने पालिका प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सभासदों द्वारा हमेशा नगर विकास की बात कही जाती है लेकिन पालिका प्रशासन द्वारा अनदेखी की जाती है। इसके साथ ही उन्होंने अपने भाई प्रदीप यादव का ठेकेदारी पंजीकरण निरस्त किए जाने का प्रस्ताव दिया। जिसे मिनट बुक में दर्ज नहीं किया गया। सभासद मुख्तार अहमद, जितेंद्र कुशवाहा, समर्थ पटेल ने भी अपनी समस्याएं रखीं।