चिकनगुनिया की जांच दवा स्वास्थ्य केंद्रों पर
जनपद के सभी सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा मंडलीय चिकित्सालय में डेंगू व चिकनगुनिया की निशुल्क जांच व दवाइयां उपलब्ध है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले लोगों को स्वच्छता और रोगों के बारे में जागरूक करने का कार्य अवश्य करें। जागरूकता से ही लोगों को डेंगू व चिकनगुनिया रोग से बचाया जा सकता है।
जासं, मीरजापुर : जनपद के सभी सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा मंडलीय चिकित्सालय में डेंगू व चिकनगुनिया की नि:शुल्क जांच व दवाइयां उपलब्ध है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले लोगों को स्वच्छता और रोगों के बारे में जागरूक करने का कार्य अवश्य करें। जागरूकता से ही लोगों को डेंगू व चिकनगुनिया रोग से बचाया जा सकता है।
बारिश के मौसम के बाद डेंगू और चिकनगुनिया बहुत तेजी से होने की आशंका बनी रहती है। ये दोनों बीमारी मच्छर के काटने से ही होता है और दोनों का मुख्य लक्षण तेज बुखार ही होता है। चिकनगुनिया का कारण जीन अल्फा वायरस होता है जो एंडीज प्रजाति के एजिप्टी और एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलता है। जबकि डेगूं होने का कारण जीन फलेवी वायरस होता है जो एंडीज प्रजाति के केवल मच्छरों के काटने से होता है। दोनों ही बीमारियों का शुरूआती लक्षण लगभग एक जैसा पाया जाता है। इसलिए कई बार इसमें लक्षणों के आधार पर अन्तर कर पाना मुश्किल हो जाता है। सहायक मलेरिया अधिकारी राधेश्याम की माने तो डेंगू की शुरूआत तेज बुखार, सिरदर्द और पीठ में दर्द से होता है। शुरू के तीन से चार घंटो में जोड़ों में भी बहुत तेज दर्द बना होता है। जिसके कारण आंखें लाल हो जाती है।