हाजीपुर के वट वृक्ष के नीचे बारहो माह लगती है चौपाल
जासं, अदलहाट (मीरजापुर) : क्षेत्र के हाजीपुर गांव के पश्चिम तरफ लगा वट वृक्ष दशकों से ग्राम
जासं, अदलहाट (मीरजापुर) : क्षेत्र के हाजीपुर गांव के पश्चिम तरफ लगा वट वृक्ष दशकों से ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। गांव की महिलाएं पूजन -अर्चन करतीं हैं। वही ग्रामीण वट के नीचे बैठकर अपनी समस्याओं को सुलह-समझौते के आधार पर सलटाते है। तपती दोपहरिया हो या बारिश व ठंड का हो मौसम यहां बारहो माह ग्रामीणों की चौपाल लगती है। गरमी की तो बात ही अलग है, वट वृक्ष के नीचे तो मानो जैसे एसी में लोग बैठे हो। ग्रामीण इन्ही सबको देखते हुए वट के नीचे चबूतरे का निर्माण कराया है जहां पूरे दिन लोग आराम फरमाते है और भीड़ जुटी रहती है।
हाजीपुर गाव निवासी पथरू यादव ने इस वट वृक्ष के साथ पीपल व पकरी का पेड़ एक साथ लगभग चालीस वर्ष पूर्व लगाया था। उसमें पकरी का पेड़ तो सूख गया लेकिन वट व पीपल का पेड़ एक तने में आज भी हरियाली दे रहे है। ऐसा लगता है कि पीपल व वट अलग-अलग नहीं एक ही पेड़ है लेकिन डालियों को देखने से अलग-अलग वृक्षों की पहचान हो पाती है। गांव निवासी संतोष मौर्य ने बताया कि यहां पर आने जाने वाले राहगीर के साथ ही गांव के लोग पेड़ की छाया में कुछ देर बैठने के बाद ही आगे बढ़ते है। गरमी हो या बरसात हो हर मौसम में लोगों को यह पेड़ राहत देता चला आ रहा है। अमरनाथ पांडेय ने बताया कि गरमी के दिनों में दिन भर इस वट वृक्ष के ठंडी छांव में लोग आराम करते रहते हैं, वही दूसरी ओर दशकों से यह पेड़ राहगीरों के लिए धूप व बरसात से बचने का सहारा बना हुआ है। भक्त प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि दिन हो या रात इस वट वृक्ष के नीचे हवा हमेशा लगती है, गरमी के दिनों में यहां गरमी का एहसास नहीं होता है। गांव की महिलाएं वट वृक्ष के प्रति काफी आस्था रखती है तथा पूजा पाठ करती हैं।