गोवंश आश्रय स्थल तैयार, मद का टोटा
विकास खंड क्षेत्र में दो प्रस्तावित गोवंश आश्रय स्थल बनने थे जिसमें गढ़वा और कोटवा पांडेयय ग्राम पंचायत का नाम सबसे आगे था। राजस्व विभाग के पेंच में कोटवा पांडेय का आश्रय स्थल खटाई में फंस गया है और किसी प्रकार गढ़वा का बन कर दो सप्ताह से तैयार है फिर भी मद की कमी के चलते गोवंश आश्रय स्थल तक जाने हेतु एक पुलिया और भूसा के लिए धन की दरकार है। वर्तमान समय में बढ़ते बेसहारा पशु कम दिखाई पड़ रहे है
जासं, मीरजापुर : विकास खंड क्षेत्र में दो प्रस्तावित गोवंश आश्रय स्थल बनने थे, जिसमें गढ़वा और कोटवा पांडेय ग्राम पंचायत का नाम सबसे आगे था। राजस्व विभाग के पेंच में कोटवा पांडेय का आश्रय स्थल खटाई में फंस गया है और किसी प्रकार गढ़वा का बन कर दो सप्ताह से तैयार है फिर भी मद की कमी के चलते गोवंश आश्रय स्थल तक जाने हेतु एक पुलिया और भूसा के लिए धन की दरकार है। वर्तमान समय में बढ़ते बेसहारा पशु कम दिखाई पड़ रहे है जबकि जंगल के किनारे बसे गांव में शहर के लोग पालतू जानवरों को छोड़ जा रहे है। आखिर पहले के बेसहारा पशु कहां गए, जो नहीं दिख रहे हैं।
खंड विकास अधिकारी पटेहरा दिनेश कुमार मिश्रा ने कहा कि भूसा और रख-रखाव के लिए धन व अन्य समुचित व्यवस्था की मांग की गई है, जल्द ही गोवंश आश्रय स्थल गढ़वा चालू हो जाएगा।