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कालीन के कच्चे माल प्रोसेसिग प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी

जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में ओडीओपी योजना के तहत प्रस्तावित परियोजना के संबंध में जिला स्तरीय कमेटी की बैठक की गई। शासन द्वारा सीएफसी के तहत संस्थाओं से आवेदन मांगे गए थे और इंसपाइरेशन आफ इंट्रेस्ट विध्य औद्योगिक विकास समिति ने आवेदन किया था। राज्य स्तरीय बैठक में इसे हरी झंडी मिल चुकी है। इससे जिले में ओडीओपी के तहत कालीन कारोबार को नई उंचाई मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 06:16 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 10:01 PM (IST)
कालीन के कच्चे माल प्रोसेसिग  प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी
कालीन के कच्चे माल प्रोसेसिग प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में ओडीओपी योजना के तहत प्रस्तावित परियोजना के संबंध में जिला स्तरीय कमेटी की बैठक की गई। शासन द्वारा सीएफसी के तहत संस्थाओं से आवेदन मांगे गए थे और इंसपाइरेशन आफ इंट्रेस्ट विध्य औद्योगिक विकास समिति ने आवेदन किया था। राज्य स्तरीय बैठक में इसे हरी झंडी मिल चुकी है। इससे जिले में ओडीओपी के तहत कालीन कारोबार को नई ऊंचाई मिलेगी।

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जिलाधिाकरी ने बताया कि डीएसआर अप्रूवल के बाद राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में सम्पन्न राज्य स्तरीय बैठक में मीरजापुर जिले के लिए कालीन क्षेत्र में कच्चे माल व काती प्रोसेसिग प्रोजेक्ट को पास किया गया है। बताया गया कि शासन द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में एसपीवी को विन्ध्य स्पीनर्स एवं रग्स एसोसिएशन के रूप में आरओसी कराया गया जिसे समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के सभी सदस्यों के सहमति पर जिलाधिकारी द्वारा जनपद में रा मैटेरियल बैंक व उन प्रोसेसिग प्रोजेक्ट की स्वीकृति के लिए शासन में भेजने की स्वीकृति प्रदान की गई। इस प्रोजेक्ट के जनपद में लग जाने से कालीन व्यवसायियों को कच्चे माल के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। जनपद में ही कच्चा माल तैयार होने से इसकी कीमत भी कम होगी और व्यापरियों को फायदा पहुंचेगा।

कार्य सत्यापन के लिए टीम गठित

जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल की अध्यक्षता में नगर पालिका मीरजापुर द्वारा 14 वें एवं राज्य वित्त आयोग के संस्तुतियों के तहत कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में भुगतान के संबंध में डीएम ने नगर मजिस्ट्रेट की अध्क्षता वाली तीन सदस्यीय टीम गठित की जो अधूरे शौचालयों का सत्यापन करेगी। पुराने सामुदायिक शौचालय चालू मिले तभी नए को स्वीकृति दी जाएगी। गठित टीम द्वारा काम की स्थिति, व्यय कितना हुआ, निर्माण फोटोग्राफ के साथ सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद भुगतान होगा। बैठक में 12 वें, 13वें व 14 वें वित्तीय आयोग की संस्तुतियों में हुए कार्यों की जांच के लिए भी समिति बनाई गई। कहा कि यदि किसी कार्य के रिवाइज धनराषि स्वीकृत कराने के लिए कारण सहित पत्रावली समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाए। इस दौरान एडीएम यूपी सिंह, सीएमओ डा. ओपी तिवारी, पीडब्ल्यूडी अधिशासी अभियंता कन्हैया झा, सभी नगर पालिकाओं के इओ व अन्य अधिकारी रहे।


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