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कम लागत में बनाएं भंडारगृह प्याज को रख सकेंगे सुरक्षित

किसानों को अपनी उपज के लिए अब भंडार गृह अथवा शीतगृहों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उद्यान विभाग ने प्याज आदि को सुरक्षित रखने का नायाब तरीका खोज लिया है। महज एक लाख 75 हजार में किसान अपने घर में हवादार भंडारगृह का निर्माण कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 05:46 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 05:46 PM (IST)
कम लागत में बनाएं भंडारगृह
प्याज को रख सकेंगे सुरक्षित
कम लागत में बनाएं भंडारगृह प्याज को रख सकेंगे सुरक्षित

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : किसानों को अपनी उपज के लिए अब भंडार गृह अथवा शीतगृहों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उद्यान विभाग ने प्याज आदि को सुरक्षित रखने का नायाब तरीका खोज लिया है। महज एक लाख 75 हजार में किसान अपने घर में हवादार भंडारगृह का निर्माण कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात सरकार द्वारा इस भंडारगृह के निर्माण करने वाले किसान को 87 हजार 500 रुपए का अनुदान दे रही है। अर्थात आम के आम गुठलियों के दाम की कहावत चरितार्थ करते हुए किसानों को लाभ होगा। योजना के तहत पहले चरण में चयनित 10 किसानों द्वारा ट्टर विधि से प्याज को संरक्षित करते हुए योजना का लाभ उठाए जा रहा है।

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कोरोना वायरस से संक्रमण व सुरक्षा के लिए चल रहे लॉकडाउन में किसानों को मंडियों में उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। मंडियों में उचित मूल्य नहीं मिलने और प्याज के खराब होने के कारण किसानों को काफी क्षति उठानी पड़ रही है। वर्तमान समय में बांस व लकड़ी के माध्यम से हवादार प्याज भंडार गृह का निर्माण कर सकते हैं। इससे किसान अपने प्याज को 2-3 माह तक सुरक्षित रख सकते हैं। जिससे उचित दर मिलने पर बिक्री कर सकें। इसके लिए किसान को बांसों के टटर तैयार करते हैं। तैयार ट्टरों के माध्यम से एक घर मड़ई का निर्माण करें। घर में लगभग 2-2 फिट की ऊंचाई पर लकड़ी व बांस की मदद से रैक बनाते हैं। विकास खंड राजगढ़ के सहेंद्र सिंह, उमेशचंद्र, राम करन सिंह, नित्या नंद सिंह, मिश्रीलाल, राज नारायण, साहब लाल, भरत लाल, मुलका देवी आदि द्वारा विभागीय मदद से हवादार प्याज भंडार गृह की स्थापना किया है।

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भंडारगृह में लगभग 25 टन प्याज भंडारण किया जा सकता है। इसमें प्याज को चार से छह माह तक प्याज को संरक्षित किया जा सकता है। वर्तमान समय में भंडारगृह में प्याज सुरक्षित रखने के कारण बाजार में अच्छे दाम भी मिल रहे हैं।

- मेवाराम, जिला उद्यान अधिकारी, मीरजापुर।


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