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बौद्ध धर्म भारत की श्रवण परंपरा से निकला है धर्म

सम्राट अशोक वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में विशाल बौद्ध महोत्सव का आयोजन चक कोटार गांव के वीरपुर पहड़ी पर आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि एमएलसी आशीष पटेल व विशिष्ट अतिथि एससीएसटी आयोग के उपाध्यक्ष ने बौद्ध के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 07:43 PM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 07:43 PM (IST)
बौद्ध धर्म भारत की श्रवण
परंपरा से निकला है धर्म
बौद्ध धर्म भारत की श्रवण परंपरा से निकला है धर्म

जागरण संवाददाता, हलिया (मीरजापुर) : सम्राट अशोक वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में विशाल बौद्ध महोत्सव का आयोजन चक कोटार गांव के वीरपुर पहड़ी पर आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि एमएलसी आशीष पटेल व विशिष्ट अतिथि एससीएसटी आयोग के उपाध्यक्ष ने बौद्ध के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

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एमएलसी ने कहा कि बौद्ध धर्म भारत की श्रवण परंपरा से निकला धर्म महान दर्शन है। बुद्ध का जन्म 563 ईशा पूर्व में लुम्बिनी नेपाल में हुआ था। बौद्ध धर्म पूरे भारतीय महाद्वीप में फैला हुआ है तथा सत्य एवं अ¨हसा के मार्ग को दिखाने वाले भगवान बुद्ध दिव्य आध्यात्मिक विभूतियों में अग्रणी माने जाते हैं। विशिष्ट अतिथि एससी एसटी आयोग के उपाध्यक्ष मनिराम कोल ने कहा कि विद्वान वही है जो अपने ज्ञान के रोशनी से सब को रोशन करें धर्म को लोगों की ¨जदगी से जोड़ते हुए भगवान बुद्ध में करुणा शीलता तथा समानता थी। विधायक राहुल कोल, रमाकांत पटेल, तुलसीदास पाल, कुलदीप पटेल, विनोद सोनकर, भगवानदास कुशवाहा, दामोदर मौर्य, विकास सोनकर, सर्वेश ¨सह, जितेंद्र अग्रहरि, रामशिरोमणि मौर्य आदि मौजूद रहे।


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