बाबूजी, घर में बच्चे रो रहे यहां पर हम भूखे मर रहे..
चौकी अंतर्गत दीपनगर पटेहरा में फंसे डेढ़ दर्जन लोगों का है जिनमें आधा दर्जन लोग पश्चिम बंगाल और चार लोग बिहार तथा आठ लोग छत्तीसगढ़ के है। सभी चद्दर से ड्रम बना कर फेरी कर परिवार का जिविकोपार्जन के साथ अपना पेट भरते है। लाकडाउन के कारण फेरी बंद हो गई और उनके समक्ष भोजन के लाले पड़ गए है। इनमें उज्जल व उनके साथी रो-रो कर कह रहे थे कि घर पर बच्चे और परिवार रो रहा है यहां हम भूखे मर रहे है साहब..।
जासं, पटेहरा (मीरजापुर) : चौकी अंतर्गत दीपनगर पटेहरा में फंसे डेढ़ दर्जन लोगों का है जिनमें आधा दर्जन लोग पश्चिम बंगाल और चार लोग बिहार तथा आठ लोग छत्तीसगढ़ के है। सभी चद्दर से ड्रम बना कर फेरी कर परिवार का जीविकोपार्जन के साथ अपना पेट भरते है। लाकडाउन के कारण फेरी बंद हो गई और उनके समक्ष भोजन के लाले पड़ गए है। इनमें उज्ज्वल व उनके साथी रो-रो कर कह रहे थे कि घर पर बच्चे और परिवार रो रहा है यहां हम भूखे मर रहे है साहब..।
दूसरी तरफ लालगंज कलवारी मार्ग के चौड़ीकरण में काम करने वाले सूरज, शनि कुमार, राज किशोर व शंकर समस्त निवासी ग्राम झंडापुर बाजार थाना वीरपुर जनपद भागलपुर बिहार के है। अजय कुमार, शिवकुमार, भूलन, राज किशोर, अभय सिंह, देवा, सिघम समस्त निवासी ग्राम सलवाही थाना त्रिकुंडा जनपद बलरामपुर छत्तीशगढ़ के है। इन लोगों को ठेकेदार नंदलाल मौर्य जनपद बलिया द्वारा सड़क के सुंदरीकरण हेतु लाए थे। एकाएक लॉकडाउन होने से अब ठेकेदार भी अपना फोन बंद कर लिया है। इनकी मानें तो रविवार शाम तक का राशन चल जाएगा और सोमवार से भूखे रहना पड़ेगा। सारे लोग अपने घर जाने हेतु साधन और प्रशासन से अनुमति हेतु परेशान है।