भगवान भाष्कर की पूजा को घाटों पर उमड़ी भीड़
सूर्योपासना व लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन मंगलवार को श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बन रही थी। दोपहर बाद से ही छठ व्रती महिलाएं व आस्थावान परिजन सिर पर सूप में पूजा की सामग्री लिए नंगे पांव बालूघाट स्थित गंगा तट पहुंचे।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर): सूर्योपासना व लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन मंगलवार को श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बन रही थी। दोपहर बाद से ही छठ व्रती महिलाएं व आस्थावान परिजन सिर पर सूप में पूजा की सामग्री लिए नंगे पांव बालूघाट स्थित गंगा तट पहुंचे। गंगा के तट पर भगवान भाष्कर जैसे ही अस्त होने की ओर बढ़े हजारों की संख्या में आस्था से लबरेज लोगों के हाथ अपने पूज्य को अर्घ्य देने के लिए उठ गए। छठव्रती महिलाओं ने पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को परंपरा के अनुरूप अर्घ्य दिया और परिजनों के सुख व समृद्धि की कामना की। इसके साथ ही लोक पर्व छठ का मुख्य अनुष्ठान आरम्भ हो गया। बांस की टोकरी व सूप में पूजन सामग्री के साथ सज धज कर महिलाएं गाजे बाजे के साथ गंगा तट पहुंची जहां सूर्य देव का पूजन -अर्चन कर परिवार के मंगल की कामना के साथ महिलाओं ने सूर्य जैसे तेजस्वी पुत्र प्राप्ति के लिए प्रार्थना की इसके पूर्व व्रतियों ने पूरे दिन कठिन निर्जला व्रत रखा।