ग्राम्य न्यायालय की स्थापना का वकीलों ने जताया विरोध
बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश के आह्वाहन पर ग्राम्य न्यायालय स्थापित किए जाने के विरोध में शुक्रवार को समस्त अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। इस दौरान अधिवक्ताओं ने पूरे कचहरी परिसर में भ्रमण करते हुए जनपद न्यायाधीश के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय न्यायाधीशी हाईकोर्ट तथा डीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर ग्राम्य न्यायालय स्थापित किए जाने के विरोध में शुक्रवार को समस्त अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। इस दौरान अधिवक्ताओं ने पूरे कचहरी परिसर में भ्रमण करते हुए ग्राम न्यायालय की स्थापना से होने वाली दिक्कतों को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद जनपद न्यायाधीश के माध्यम से मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय, न्यायाधीश हाईकोर्ट तथा डीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
कचहरी में अधिवक्ताओं ने ग्राम न्यायालय की स्थापना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि ग्राम्य न्यायालय से अधिवक्ताओं तथा जनता को काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में यह निर्णय जनविरोधी है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। अधिवक्ताओं ने कहा कि सिविल जज चुनार चले जाने से पूरे जनपद के लोगों को दिक्कत हो रही है इसलिए उसको मुख्यालय लाया जाए। ग्राम्य न्यायालय के स्थापना दिवस के विरोध में अधिवक्ताओं ने पूरे न्यायालय परिसर में भ्रमण कर नारेबाजी की। बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने ग्राम न्यायालय की स्थापना के निर्णय को जल्द वापस लेने की मांग को लेकर आवाज बुलंद की। साथ ही कचहरी परिसर में भ्रमण कर लोगों को इससे होने वाली दिक्कतों से भी अवगत कराया। इस दौरान अध्यक्ष हीरालाल पांडेय, उपाध्यक्ष रूद्र प्रकाश गिरी, रामकृष्ण द्विवेदी, संतोष तिवारी, दिनेश यादव, रामसागर सरोज, पारसनाथ मिश्रा, पवन कुमार पांडेय, रतन कुमार मिश्रा, बैकुंठ नाथ त्रिपाठी, बिहारी प्रसाद सिंह, शशांक शेखर चतुर्वेदी आदि शामिल रहे।