सदर तहसील में भ्रष्टाचार के खिलाफ वकीलों में नाराजगी
महुवरिया स्थित सदर तहसील परिसर में अधिवक्ता संघ सदर के तत्वावधान में अधिवक्ताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया। सदर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार का अधिवक्ताओं ने पुरजोर विरोध जताया। एसडीएम सदर को पत्रक सौंपकर अधिवक्ताओं ने समस्याओं के समाधान की मांग की। इसके पूर्व आक्रोशित अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर का भ्रमण किया। इसके साथ ही परिसर में बैठक करके समस्याओं के निदान के लिए रणनीति भी बनाया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : महुवरिया स्थित सदर तहसील परिसर में अधिवक्ता संघ सदर के तत्वावधान में अधिवक्ताओं ने सोमवार को प्रदर्शन किया। सदर तहसील में व्याप्त भ्रष्टाचार का अधिवक्ताओं ने पुरजोर विरोध जताया। एसडीएम सदर को पत्रक सौंपकर अधिवक्ताओं ने समस्याओं के समाधान की मांग की। इसके पूर्व आक्रोशित अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर का भ्रमण किया। इसके साथ ही परिसर में बैठक करके समस्याओं के निदान के लिए रणनीति भी बनाया।
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ज्ञानचंद्र चतुर्वेदी ने नामांतरण कार्रवाई के तहत लेखपाल द्वारा बयान बंद करने के लिए 200 से 5000 तक की मांग पर कड़ी नाराजगी जताया गया। पत्रक में कहा कि नामांतरण कार्रवाई में विक्रेता के नाम पर उर्फ लग जाने पर नामांतरण नहीं करना या पैसा मांगना जबकि राजस्व संहिता में ऐसा कोई नियम नहीं है, बावजूद इसके पैसे की मांग की जा रही है। सचिव जितेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि किसी भी संक्रमणीय भूमिधर पर एसडीएम द्वारा दफा 80 आबादी घोषित करने के बाद तहसीलदार व अन्य न्यायालयों द्वारा मनमानी तौर पर पैसा वसूल किया जाता है। तहसील सदर में व्याप्त अनियमितता व भ्रष्टाचार और न्यायालय में बाहरी व्यक्तियों द्वारा गलत तरीके से गोपनीय पत्रावलियों का रखरखा करने पर नाराजगी जताया। अधिवक्ताओं ने मालिकान रजिस्टर क्रमवार करने तत्काल कंप्यूटर में खतौनी दर्ज करने, उद्धरण खतौनी लेने के लिए अधिवक्ताओं के लिए अलग व्यवस्था करने की मांग की गई। क्षेत्रीय लेखपाल खैरा छानबे दिनेश पांडेय को तत्काल प्रभाव से अन्य तहसील भेजा जाए। इस दौरान उप सचिव उपेंद्र कुमार, संजय श्रीवास्तव, मदन मोहन दुबे, गंगेश्वर शुक्ला, राजेश कुमार शुक्ला, राजेश त्रिपाठी, ललितमोहन श्रीवास्तव, संजय दुबे, अतुल श्रीवास्तव, चंद्रमणि पाठक आदि मौजूद रहे।