मुस्लिम धर्मगुरुओं संग प्रशासन ने की बैठक, दिया धन्यवाद
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिसक झड़प के बीच जनपद में ऐसा कोई मामला नहीं हुआ। इसके लिए पुलिस अधीक्षक ने मुस्लिम धर्मगुरुओं व समुदाय के लोगों को धन्यवाद कहा। गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी व एसपी ने मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं से शांति व भाईचारे बनाए रखने में सहयोग की अपील की।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिसक झड़प के बीच जनपद में ऐसा कोई मामला नहीं हुआ। इसके लिए पुलिस अधीक्षक ने मुस्लिम धर्मगुरुओं व समुदाय के लोगों को धन्यवाद कहा। गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी व एसपी ने मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं से शांति व भाईचारे बनाए रखने में सहयोग की अपील की।
गुरुवार को शाम करीब चार बजे जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल व पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष में कानून व्यवस्था तथा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के संबंध में बैठक की गई। इसमें मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं के साथ मीटिग कर वास्तविकता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही शांति एवं सौहार्द बनाये रखने की अपील की गई। पिछले 10 दिनों में इनके सहयोग से व पुलिस बल की सक्रियता, सतर्कता से भाईचारे की भावना एवं आपसी सौहार्द को बनाए रखने का काम किया गया। इससे जनपद में किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने कहा कि सीएए को लेकर किसी तरह की भ्रांति न हो इसलिए हिदी व उर्दू में पर्चे छपवाकर जगह-जगह लगाए जा रहे हैं। मदरसा अरबिया के प्राचार्य मौलाना नजम अली ने जिला प्रशासन को आश्वस्त किया कि जनपद में जिला प्रशासन की सक्रियता के चलते कहीं भी किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हो सकी है और आगे भी इसे बनाए रखने के लिए हम सभी लोग प्रशासन के साथ हैं। इस दौरान समाजसेवी सनावर खां, हाफिज फरीद, कंतित मजार के पदाधिकारी शौकत बाबा, अब्दुल्ला खां उर्फ पप्पू, मुशीर आलम अंसारी, वाहिद अली, हाफिर इमरान, शाऐब खान सहित अन्य लोग रहे। इसी तरह कछवां थानाक्षेत्र के मस्जिद और मदरसों के अध्ययनरत छात्रों समेत मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में लोगों को थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने सीएए नागरिकता संशोधन अधिनियम के पंफलेट बांटे। बताया कि नागरिकता संशोधन कानून सिर्फ नागरिकता देने के लिए है। भारत के मुसलमानों का सीएए से कोई अहित नहीं है। नागरिकता पर कोई प्रभाव नही पड़ेगा। वर्तमान में सीएए कानून केवल उन लोगों के लिए है। जिन्होंने वर्षो से बाहर में उत्पीड़न का सामना किया है और उनके पास भारत आने के अलावा और कोई जगह नहीं है।