लेखपालों ने छोड़ा अतिरिक्त राजस्व ग्राम देखरेख का काम
जनपद के तहसीलों के राजस्व ग्रामों में मंगलवार से आय जाति व निवास प्रमाण पत्र बनना और आम जनता के शिकायती प्रार्थना पत्रों का निस्तारण बंद हो गया। राजस्व परिषद राजस्व विभाग व मुख्य सचिव स्तर पर मानी गई कई मांगों पर कार्रवाई नहीं होने और आंदोलन करने पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई के विरोध में लेखपालों ने पहले चरण में रिक्त पदों के देखे जा रहे अतिरिक्त कार्य को छोड़ दिया। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तत्वावधान में आंदोलनरत लेखपालों ने तहसीदार को बस्ता वापस कर दिया। जिसमें सदर में 42 लालगंज में 43 मड़िहान में 22 व चुनार में 20 लेखपालों ने बस्ता वापस किया। बता दें कि जनपद कुल 530 लेखपालों के पद है जिसमें से 402 पदों पर लेखपालों की तैनाती है इसमें से 12
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद के तहसीलों के राजस्व ग्रामों में मंगलवार से आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र बनना और आम जनता के शिकायती प्रार्थना पत्रों का निस्तारण बंद हो गया। राजस्व परिषद, राजस्व विभाग व मुख्य सचिव स्तर पर मानी गई कई मांगों पर कार्रवाई नहीं होने और आंदोलन करने पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई के विरोध में लेखपालों ने पहले चरण में रिक्त पदों के देखे जा रहे अतिरिक्त कार्य को छोड़ दिया। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के तत्वावधान में आंदोलनरत लेखपालों ने तहसीदार को बस्ता वापस कर दिया। जिसमें सदर में 42, लालगंज में 43, मड़िहान में 22 व चुनार में 20 लेखपालों ने बस्ता वापस किया। बता दें कि जनपद कुल 530 लेखपालों के पद है जिसमें से 402 पदों पर लेखपालों की तैनाती है, इसमें से 128 पद रिक्त चल रहे है।
सदर तहसील में मंगलवार को बैठक अध्यक्ष विजय शंकर यादव की अध्यक्षता में हुई। जिसमें आंदोलन को सफल बनाने पर चर्चा की गई। मंत्री बेनू यादव ने कहा कि वर्ष 2018 में हड़ताल के दौरान सरकार द्वारा आश्वासन दिया गया था कि एक महीने में आपकी मांगों को मान लिया जाएगा, लेकिन आज तक पूरा नहीं किया गया है। समस्या का समाधान नहीं होने पर मजबूरन दोबारा आंदोलन करना पड़ रहा है। मीडिया प्रभारी ओम प्रकाश उपाध्याय, धीरज किशोर सिंह, तमन्ना बेगम, बेबी विश्वकर्मा आदि ने लेखपालों की एसीपी विसंगति, वेतन उच्चीकरण, प्रोन्नति, पेंशन विसंगति, राजस्व लेखपाल का पद नाम बदलने, आधारभूत सुविधा देने की मांग की।