एक नार सुंदर सी, हाथ लिए आरती..
बालूघाट स्थित पांडेय बेचन शर्मा उग्र पुस्तकलय में वसंत पंचमी के अवसर पर रविवार की देर शाम कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसका शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना के पश्चात आदित्य कुमार गुप्ता''पदयात्री''द्वारा सुनाई गई कविता- नई चेतना ले ऋतुराज आया, सजल ¨जदगी में मधुर पर्व लाया... से हुआ। उनके पश्चात राजकुमार''राजन''ने किवता सुनाई- माई वीणा वादिनी, हम हईं तोहरे चरिनयां क दास, माई हमें तोहरे ही रहेला आस..।
जागरण संवाददाता चुनार (मीरजापुर) : बालूघाट स्थित पांडेय बेचन शर्मा उग्र पुस्तकलय में वसंत पंचमी के अवसर पर रविवार की देर शाम कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसका शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना के पश्चात आदित्य कुमार गुप्ता''पदयात्री''द्वारा सुनाई गई कविता- नई चेतना ले ऋतुराज आया, सजल ¨जदगी में मधुर पर्व लाया... से हुआ। उनके पश्चात राजकुमार''राजन''ने किवता सुनाई- माई वीणा वादिनी, हम हईं तोहरे चरिनयां क दास, माई हमें तोहरे ही रहेला आस..।
अनवर अली''अनवर''ने रचना पढ़ी- एक नार सुंदर सी, हाथ लिए आरती, बार-बार साजन की राह है निहारती...। कमलेश्वर प्रसाद''कमल''ने सुनाया- कल तलक बह रही थी, हिमानी हवा, आया ऋतुराज लेकर, सुहानी हवा..। रामआसरे''राव''ने सुनाया- एक लता डोल रही, कोयलिया बोल रही, फूले पलाश, सरसों लहराया, लो बसंत आया..। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे अजय श्रीवास्तव''राजू''ने रचना सुनाई- जीवन के उन्मुक्त क्षणों में, राग-द्वेष से मुक्त पलों में, मधुर तरंगों से प्रेरित मन, जब मैं अपना गीत बनाता, कोई आ जाता..। शीतला प्रसाद''गौरव''ने सुनाया- वसंत को आने दो, केश लहराने दो..। राकेश कुमार''राही''ने कविता पढ़ी- आया वसंत एहसास दिलाने फागुन का, लाल गुलाबी पीला-नीला रंग उड़ाने फागुन का..। संचालन और आभार प्रदर्शन कमलेश्वर प्रसाद''कमल''ने किया।