दरगाह शरीफ जियारत करने उमड़ी जायरीनों की भीड़
गंगा तट पर स्थित हजरत बाबा कासिम सुलेमानी की दरगाह में जियारत करने जायरीनों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। तीसरे मेले पर गुरुवार को सुबह से लेकर देर शाम तक जायरीनों के आने का सिलसिला जारी रहा। दूर-दराज से आए जायरीनों ने दरगाह शरीफ में बाबा साहब की मजार पर चादरपोशी कर खुशहाली के लिए मन्नतें मांगी।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : गंगा तट पर स्थित हजरत बाबा कासिम सुलेमानी की दरगाह में जियारत करने जायरीनों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। तीसरे मेले पर गुरुवार को सुबह से लेकर देर शाम तक जायरीनों के आने का सिलसिला जारी रहा। दूर-दराज से आए जायरीनों ने दरगाह शरीफ में बाबा साहब की मजार पर चादरपोशी कर खुशहाली के लिए मन्नतें मांगी। गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल इस मेले में एक ओर मुस्लिम समुदाय से जुड़े हजारों लोगों ने चादर चढ़ाकर दुआख्वानी की, वहीं दूसरी ओर कई हिदू श्रद्धालुओं ने भी पूरी श्रद्धा के साथ बाबा की चौखट पर माथा टेका।
गंगा किनारे स्थित इस दरगाह में करीब चार सौ वर्षो पूर्व होली के बाद चैत्र मास के प्रत्येक गुरुवार को लगने वाले इस मेले में अकीदतमंदों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। गुरुवार को मेला स्थल पर उमड़ी भीड़ के पांव रखने तक की जगह नहीं थी। कोई यहां अपनी मन्नत पूरी होने पर चादर चढ़ाने पहुंचा तो किसी ने अपनी मनोकामना के लिए दुआख्वानी की। मेले में बेरचूर, गट्टा, बेल आदि के साथ साथ स्थानीय बिस्कुटों की भारी बिक्री हुई। बच्चों ने खिलौनों आदि के साथ साथ मेले में लगे झूलों का भी भरपूर आनंद लिया। -पेयजल व सफाई के इंतजाम
पालिकाध्यक्ष मंसूर अहमद के निर्देश पर मेला स्थल पर साफ-सफाई के साथ साथ जायरीनों के लिए पेयजल हेतु टैंकर की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही पालिका प्रशासन द्वारा लगाए गए खोया पाया शिविर में दर्जनों लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया गया। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
हजारों जायरीनों ने मजार पर चढ़ाई चादर
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी भटवा की पोखरी मस्जिद के पास हजरत मुहीबुल्लाह शाह अशरफी रहमतुल्ला अलैह बाबा का सलाना उर्स गुरूवार को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। मेले में हजारों जायरीनों ने मचार पर चादर चढ़ाकर अपने रहमत की दुआ मांगी। मेले के दौरान लोगों ने जमकर खरीदारी की।
हजरत मुहीबुल्लाह शाह अशरफी रहमतुल्ला अलैह बाबा हिदु मुस्लिम एकता के अजीम सक्सीयत थे। कहा जाता है कि जो भी इनकी चौखट पर मन्नत मांगने आता है कोइ खाली हाथ नहीं जाता है। बाबा सभी की मुरादें पूरी करते हैं। सुबह से जायरीनों का चादर चढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया जो देर रात तक चलता रहा। कार्यक्रम संयोजक मो. कय्यूम ने मोहल्लेवासियों के साथ मिलकर मेले को सफल मनाने में अपना अहम योगदान दिया। इस दौरान मो. जावेद, असगर अली, सकील अहमद, बाबू मास्टर, छेदी, मुस्तफा, इलियाज मंसूरी, आजाद आलम, हैदर अली, फिरदौस अहमद, अनवर अली, मुबारक अली, पवरेज अहमद, अतहर अली, दरोगा हुसैन आदि ने भी सहयोग किया।