जल संरक्षण के लिए खोदे जाएंगे 500 तालाब
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जल संरक्षण के लिए 'दैनिक जागरण' की ओर से जिले में लगातार
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जल संरक्षण के लिए 'दैनिक जागरण' की ओर से जिले में लगातार जलदान अभियान चलाया जा रहा है। अब जल संरक्षण के लिए प्रशासन भी जिलेभर के विभिन्न गांवों में 500 तालाबों की खोदाई करने का अभियान शुरू करने जा रहा है। इसमें जिलाधिकारी सहित ग्राम स्तर तक के सभी अधिकारी खुद फावड़ा चलाकर तालाबों की खोदाई करने के साथ ही इसकी शुरुआत करेंगे। इस अभियान की शुरूआत पर्यावरण दिवस के अवसर पर पांच जून से की जाएगी। इसके लिए तालाबों का स्थान चिन्हित करने व इससे जुड़ी व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी उपायुक्त (मनरेगा) को सौंपी गई है। तालाबों की खोदाई के लिए सभी स्थानों पर मनरेगा के जॉब कार्डधारकों को रखने का निर्देश दिया गया है।
जलदान अभियान के तहत जल संरक्षण के लिए दैनिक जागरण द्वारा जिले में लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जिले में आदर्श तालाबों के हालात, सूखे पड़े तालाबों में उड़ रही धूल, कुछ तालाबों को पाटकर बने भवन आदि ¨बदुओं को उठाया गया। इसके माध्यम से आमजनमानस को भी झकझोरने का प्रयास किया गया जिससे सभी लोग जल संरक्षण के लिए आगे आएं। आखिरकार 'जागरण' के जलदान अभियान का बड़ा असर हुआ और जिला प्रशासन ने भी जल संरक्षण के लिए तालाबों की खोदाई का अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने जिलेभर में 500 तालाब खोदवाने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने बताया है कि पर्यावरण दिवस पर पांच जून से तालाबों की खोदाई का अभियान शुरू होगा जिसमें उच्चाधिकारियों से लेकर ग्रामीण स्तर के अधिकारी खुद फावड़ा लेकर तालाबों की खोदाई की शुरूआत करेंगे। इस मौके पर विधायक समेत जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने तालाबों के स्थान चिन्हित करने व अन्य व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने की जिम्मेदारी के लिए उपायुक्त (मनरेगा) को निर्देश दिया है। सभी स्थानों पर तालाबों की खोदाई मनरेगा के अंतर्गत कराई जाएगी। ऐसे में तालाबों की खोदाई जॉब कार्डधारक मजदूरों से ही कराई जाएगी।
----------------------- आदर्श तालाब : बिन पानी सब सून
- जिले में 12 हजार से अधिक तालाबों में उड़ रही धूल
- कई तालाबों को पाटकर बना लिए गए आवासीय भवन
- तालाब तो बनाए गए लेकिन पानी भरने को कोई इंतजाम नहीं
- कुछ तालाबों में गिराया जा रहा शहर का गंदा नाला
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कहने को तो जिले में सैकड़ों आदर्श तालाब बनाए गए लेकिन सभी पानी के सूने पड़े हैं या यूं कहें कि ज्यादातर तालाबों में धूल उड़ रही है। विभागीय आंकड़ों पर नजर डालें तो जिलेभर में 12 सौ से अधिक तालाब व पोखर हैं लेकिन ज्यादातर तालाबों में पानी ही नहीं हैं। कुछ तालाबों को पाटकर मकान बना लिए गए तो कुछ तालाबों में आसपास के गंदे नाले का पानी बहकर जाता है। तीस से चालीस लाख रुपये की लागत से 690 आदर्श तालाब भी खोदवा दिए गए लेकिन उसमें पानी भरने का इंतजाम ही नहीं किया गया। कुछेक गांव के प्रधान सेक्रेटरी को छोड़ दे तो अधिकांश प्रधान सेक्रेटरी तालाबों को भरने में कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। तालाबों में पानी भरवा दिया जाए तो जहां पशुओं के लिए सुविधा होगी वहीं भाग रहे भूगर्भ जल स्तर पर रोक लग जाएगी।
जिले में अधिकांश तालाब हलिया, पहाड़ी, पटेहरा, राजगढ़, लालगंज, छानबे क्षेत्र में हैं। सूखे के कारण नब्बे प्रतिशत तालाबों में पानी नहीं हैं। जहां कहीं पानी भरने का साधन हैं, वहां प्रधान सेक्रेटरी चुप्पी साधे हुए है। जिलाधिकारी ने भी सूखा के मौसम में तालाबों में पानी भरने का निर्देश दिया है। कहा है कि नहर चाहे नलकूप व बोर से तालाबों में पानी भरवाया जाए। पंचायतें पानी भरवाने में उदासीनता बरत रही है। पटेहरा के पचास ग्राम पंचायतों में 45 आदर्श तालाब व 126 सामान्य तालाब है, लेकिन तुलसी के बड़ौहा, घोरी व हसरा गांव के तीन तालाबों को छोड़कर बाकी तालाब सूखे है। राजगढ़ में 150 आदर्श तालाब व ढाई सौ सामान्य तालाब हैं लेकिन आधा दर्जन तालाबों को छोड़कर कहीं पानी नहीं है। तालाब जीर्णशीर्ण हो गए हैं उनका भींटा क्षतिग्रस्त हो गया है।