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मोबाइल एप से धोखाधड़ी, हड़पे 48 हजार, साइबर सेल ने कराए वापस

देहात कोतवाली थानाक्षेत्र स्थित बरकछा बीएचयू के विध्यवासिनी ग‌र्ल्स हास्टल में रहने वाली शिवानी कुमारी झा के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में साइबर सेल को सफलता मिली है। कार्रवाई के बाद पीड़ित छात्रा के खाते में ठगी की गई रकम वापस आई। पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने कहा कि साइबर टीम की तत्परता से सफलता मिली।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 07:08 PM (IST)
मोबाइल एप से धोखाधड़ी, हड़पे 48 
हजार, साइबर सेल ने कराए वापस
मोबाइल एप से धोखाधड़ी, हड़पे 48 हजार, साइबर सेल ने कराए वापस

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : देहात कोतवाली थानाक्षेत्र स्थित बरकछा बीएचयू के विध्यवासिनी ग‌र्ल्स हास्टल में रहने वाली शिवानी कुमारी झा के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में साइबर सेल को सफलता मिली है। कार्रवाई के बाद पीड़ित छात्रा के खाते में ठगी की गई रकम वापस आई। पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने कहा कि साइबर टीम की तत्परता से सफलता मिली।

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बीते 21 जनवरी 2020 को शिवानी के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से लिक आया। इसे डाउनलोड करने के बाद शिवानी का मोबाइल हैक हो गया और जब तक वह कुछ समझ पाती, खाते से दो बार में 48900 रुपये निकल गए। इसकी शिकायत शिवानी ने तत्काल पुलिस को दी और प्रकरण साइबर सेल के हवाले किया गया। साइबर क्राइम सेल प्रभारी मानवेंद्र सिंह ने टीम के गणेश प्रसाद व मो. एहसान खां के साथ मामले की तफ्शीश शुरू की और पीड़ित का पैसा उनके खाते में वापस कराया। छात्रा ने पुलिस टीम की प्रशंसा की और कहा कि उनकी सक्रियता से ही पैसा वापस मिल पाया है।

लिक न करें डाउनलोड

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐप धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए ईमेल, टेक्स्ट मैसेज या व्हाट्सऐप के माध्यम से लिक से सावधान रहें। कभी भी थर्ड पार्टी या अप्रमाणित स्त्रोत के एप्लीकेशन इन्स्टाल नहीं करना चाहिए। इससे धोखा हो सकता है और पैसे की ठगी की जा सकती है। साथ ही किसी को भी फोन पर ओटीपी, एटीएम पासवर्ड, पिन की जानकारी नहीं देनी चाहिए।

रिजर्व बैंक नहीं करता काल

अक्सर यह फोन आता है कि आपके खाते को फिर से सक्रिय करना है और रिजर्व बैंक से बोल रहा हूं, तो ऐसे काल पर कभी विश्वास न करें। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रिजर्व बैंक कभी किसी उपभोक्ता को फोन काल नहीं करता। न ही कोई काल सेंटर से ही काल की जाती है। यह ठगों का मायाजाल है जो गुमराह कर बैंकिग डिटेल निकलवाते हैं। वर्जन

साइबर सेल की सक्रियता से पैसा वापस कराया जा सका। इससे बचने के लिए कभी भी अपना एटीएम पिन नंबर, ओटीपी आदि किसी को भी नहीं बताना चाहिए।

- डा. धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक, मीरजापुर


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