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शहर में बेतरतीब दौड़ रहे तीन हजार ई-रिक्शा

जागरण संवाददाता, मीरजापुर: शहर में ई-रिक्शों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बिना र

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 11:14 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 11:14 PM (IST)
शहर में बेतरतीब दौड़ रहे तीन हजार ई-रिक्शा
शहर में बेतरतीब दौड़ रहे तीन हजार ई-रिक्शा

जागरण संवाददाता, मीरजापुर: शहर में ई-रिक्शों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बिना रजिस्ट्रेशन व बिना किसी नियम के यह कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हैं। इस वजह से शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति बन जाती है। इतना ही नहीं ई-रिक्शा चालक मनमाना किराया वसूल करते हैं, जिससे कई बार सवारियों से विवाद होता है। शहर में इस समय करीब तीन हजार ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं। किसी भी रोड पर आप जाइये ई-रिक्शा फर्राटा भरते नजर आ जाएंगे। इसकी वजह से उन रास्तों पर भी जाम लग जाता है, जिस रास्ते पर सवारी गाड़ियां नहीं चलती हैं। इस पर न तो प्रशासन कोई ध्यान दे रहा है और न ही यातायात पुलिस कोई कार्रवाई करती है। जिसका नतीजा है कि प्रतिदिन ई-रिक्शों की संख्या बढ़ती जा रही है। शास्त्री पुल से कचहरी वाले मुख्य रास्ते पर तो ई-रिक्शों की लाइन लगी रहती है, जिसकी वजह से मोटर साइकिल सवारों का भी निकलना मुश्किल हो जाता है। यही हाल स्टेशन रोड, रोडवेज रोड, वासलीगंज, बसनही बाजार रोड, पक्का घाट रोड, महुवरिया रोड, शुक्लहा बाजार, फतहां रोड पर दिन भर वाहनों का निकलना मुश्किल रहता है। स्थानीय निवासी विपेंद्र दूबे ने बताया कि ई-रिक्शा की वजह से कई तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं और इस पर प्रशासन को तत्काल कोई कार्रवाई करनी चाहिए। नहीं होता रजिस्ट्रेशन

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जानकारी के अनुसार ई-रिक्शा संचालन के लिए अभी रजिस्टेशन या परमिट का कोई नियम नहीं है। इसी का फायदा उठाकर लगातार ई-रिक्शे चलाये जा रहे हैं। आटो संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि इन वाहनों का भी रुट तय किया जाना चाहिए। साथ ही उस रुट पर लिया जाने वाला किराया भी तय हो ताकि वे मनमानी वसूली न कर पाएं। पदाधिकारियों ने बताया कि इनके परमिट के लिए भी संघ जल्द की प्रशासन से मांग करेगा। किराया तय नहीं

ई-रिक्शा का न्यूनतम किराया 10 रुपए है और दूरी के हिसाब से 20 या 30 रुपया तक सवारियों से वसूल करते हैं। कोई जब इसका विरोध करता है तो वे दूसरी गाड़ी से जाने की बात कहते हैं। ई-रिक्शा से सफर करने वाले आदित्य ने बताया कि रोडवेज से कचहरी के लिए उनसे 20 रुपया लिया गया जबकि वास्तविक किराया 10 रुपया ही है। आटो चालक संघ के अध्यक्ष कमलेश चौहान ने बताया कि प्रशासन आटो वालों का तो किराया तय कर रही है लेकिन ई-रिक्शा वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

अधिकारी बोले-

ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन या संचालन से नगर पालिका परिषद का कोई लेना-देना नहीं है। इसके बारे में आरटीओ विभाग को सोचना चाहिए व उचित कार्रवाई करनी चाहिए।

वीरेंद्र श्रीवास्तव, ईओ, नगर पालिका परिषद


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