2343 किसानों से खरीदा 13,977 मीट्रिक टन गेहूं
अन्नदाता को उनके उपज का वास्तविक मूल्य दिलाने के लिए शासन के फरमान का असर धरातल पर नहीं दिखा। आलम यह है कि आवंटित लक्ष्य तक गेहूं की खरीद नहीं हो सकी। केंद्रों पर 30 जून तक महज 2443 किसानों से 13977 मीट्रिक टन की खरीद हुई।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): अन्नदाता को उनके उपज का वास्तविक मूल्य दिलाने के लिए शासन के फरमान का असर धरातल पर नहीं दिखा। आलम यह है कि आवंटित लक्ष्य तक गेहूं की खरीद नहीं हो सकी। केंद्रों पर 30 जून तक महज 2443 किसानों से 13,977 मीट्रिक टन की खरीद हुई। यह शासन से निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष महज 43.7 फीसद है। खाद्य विभाग लक्ष्य के सापेक्ष 85 प्रतिशत जबकि पीसीएफ 45 प्रतिशत पर ही सिमट गया। अन्य एजेंसियों की हालत एकदम पतली है। लापरवाह केंद्र प्रभारी सरकार के रडार पर है। समीक्षा हुई तो ऐसे लोगों पर गाज गिरनी निश्चित है।
गेहूं खरीद के लिए विपणन के अलावा अन्य एजेंसियों के 32 केंद्र खोले गए थे। शासन की ओर से 32 हजार एमटी खरीद का लक्ष्य दिया गया था। एक अप्रैल से खरीद शुरू होकर 30 जून को बंद कर दिया गया। इस बीच लक्ष्य के सापेक्ष महज 13,977 एमटी ही खरीद हो सकी है। शासन की ओर से शुरू की गई मोबाइल सेवा भी सरकार फ्लाप साबित हुई। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 2343 किसानों में 2690.50 लाख का भुगतान किया। जिला विपणन अधिकारी श्याम कुमार मिश्र ने बताया कि इस साल कोविड-19 के कारण लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है। विपणन विभाग अकेले 85 प्रतिशत गेहूं खरीद की है। सबसे खराब स्थिति नेफेड, भारतीय खाद्य निगम और एनसीसीएफ की है। शासन स्तर पर इसकी जानकारी दे दी गई है।