बैंककर्मियों की हड़ताल से 150 करोड़ का लेन-देन प्रभावित
विभिन्न संगठनों के लोगों ने सरकार के नीतियों के खिलाफ बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोगों ने कहा कि यह सरकार राष्ट्रहित में काम नहीं कर रही है। जिसके चलते आम लोगों को नुकसानी उठाना पड़ रहा है। यही नहीं देश भी मंदी की ओर जा रहा है। संगठनों ने मांग पूरी न करने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ ही सड़क पर उतरकर प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विभिन्न संगठनों के लोगों ने सरकार के नीतियों के खिलाफ बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोगों ने कहा कि यह सरकार राष्ट्रहित में काम नहीं कर रही है। जिसके चलते आम लोगों को नुकसानी उठाना पड़ रहा है। यही नहीं देश भी मंदी की ओर जा रहा है। संगठनों ने मांग पूरी न करने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ ही सड़क पर उतरकर प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
उत्तर प्रदेश बैंक इम्प्लाइज यूनियन के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत बुधवार को जनपद के समस्त बैंक बंद रहे। एक दिन की बंदी से जनपद में लगभग 150 करोड़ रूपए का लेन-देन प्रभावित हुआ। इससे चेकों की क्लीयरिग भी नहीं हो सकी। डंकीनगंज स्थित इलाहाबाद बैंक के सामने बैंककर्मियों ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपने मांगों को भी दर्शाया। यूनियन के जिला मंत्री सुरेश पांडेय ने कहा कि अगर यह हड़ताल राजनैतिक मुद्दा लगता है तो तानाशाही सरकार के खिलाफ बैंककर्मी हड़ताल करते रहेंगे। बैंकों का अवांक्षित विलय, विरोध, निजीकरण प्रक्रिया, बैंकों के ऋण वसूली के लिए कठोर उपाय, बैंकों में रेगुलर स्टाफ की पर्याप्त भर्ती, वेतन पुनरीक्षण शीघ्र करने जैसे मांग को सरकार नजरअंदाज कर रही है। सरकार की गलत नीतियों के बदौलत ही बैंकों का एनपीए बढ़ता जा रहा है। सरकार सुधार के नाम पर किसी भी दिन सरकारी बैंकों को पूंजीपतियों को सौप देगी। आरोप लगाया कि बैंकों का विलय तो बहाना है इनका निजीकरण निशाना है। एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसेंड बैंक, आईडीबीआई बैंक, पीएनबी, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक, केनरा बैंक, सिडिकेट बैंक सहित समस्त बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। प्रदर्शन के दौरान गिरजाशंकर सिंह, जगदीश उपाध्याय, गोपालदास, शशि शेखर पांडेय, मनीष कुमार दुबे, प्रशांत पांडेय, प्रभु नारायण, रविशंकर सिंह, राजेंद्र, अश्वनी कुमार सिंह, घूटुर, मनीष तिवारी, विनय सिंह, रामनारायण, आशीष मिश्रा, बद्रूदीन, रौशन कुमार, आनंद प्रकाश, सुरेंद्र, मनीष अग्रहरि, मो0 इरफान, बसंतलाल, जितेंद्र कुमार, सुबेदार यादव, राहुल, राजेश्वर, दीपक, अजय कुमार, सत्यनारायण, महेंद्र, अशोक कुमार, राजीव झा, राजेश यादव, राकेश भारती, कौशल कुमार आदि रहे। इनसेट
लंबित वेतन पुनर्निधारण पर सार्थक वार्ता के लिए एलआईसी प्रबंधन को स्वीकृति प्रदान करें सरकार
भारतीय जीवन बीमा के विध्याचल शाखा के समस्त कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के प्रति रोष जताया। कहा कि श्रम संहिता के नाम पर श्रम कानूनों में परिवर्तन पर रोक, एलआईसी को शेयर मार्केट में लाने की नीति व बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने पर रोक लगाई जाए और बीमा क्षेत्र में एलआईसी प्रीमियम से जीएसटी वापस ली जाए। साथ ही 2017 से लंबित वेतन पुनर्निधारण पर सार्थक वार्ता के लिए सरकार अविलंब एलआईसी प्रबंधन को स्वीकृति प्रदान करें। इस दौरान विक्रम कुमार, सुमित कुमार, खुर्शीद, अख्तर खान, आशुतोष त्रिपाठी, रोहित कुमार सिंह, पंकज कुमार, अविनाश कुमार, नवनीत कुमार, श्यामदेव यादव, बृजेश श्रीवास्तव, विनीता गुप्ता, सूर्यबली राम आदि रहे। मांगे न मानने पर आगे भी जारी रहेगा आंदोलन
प्रधान डाकघर के कर्मचारियों ने केंद्रीय आह्वाहन पर 25 सूत्रीय मांगों के समर्थन में बुधवार को प्रदर्शन कर हड़ताल रखा। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार के कर्मचारी विरोधी व मजदूर विरोधी दमनात्मक रवैए के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रधान डाकघर के साथ ही मीरजापुर व सोनभद्र के लगभग सभी डाकघर नहीं खुले और डाकियों ने भी डाक वितरण का कार्य नहीं किया। विभाग के बचत बैंक का कार्य पूर्ण रूप से प्रभावित रहा। अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी ने कर्मचारियों के साथ सभा की। सभा के दौरान अध्यक्ष ने मांगे न मानने पर आगे भी आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। सभा की अध्यक्षता अशोक कुमार त्रिपाठी व संचालन सर्वेश कुमार पांडेय ने किया। इस दौरान आनंद कुमार जायसवाल, मंगल प्रसाद भारती, पुरूषोत्तमदास, सुरेंद्रनाथ त्रिपाठी, दिवाकर प्रसाद शुक्ल, अशोक कुमार शास्त्री, उमानाथ मौर्या, राजेश कश्यप, अखिलेश पांडेय, दिनेश तिवारी, मंगला प्रसाद पांडेय, आशुतोष त्रिपाठी, विरेंद्र आजाद आदि मौजूद रहे।