सेना में अफसर बनकर देश सेवा करेंगे मेरठ के युवा
इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून और ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी गया में शनिवार को पासिंग आउट परेड हुई। भारतीय सेना की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में अफसर बनकर देश सेवा से जुड़ने वालों में मेरठ के युवाओं के नाम भी शामिल हैं।
मेरठ, जेएनएन : इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून और ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी गया में शनिवार को पासिंग आउट परेड हुई। भारतीय सेना की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में अफसर बनकर देश सेवा से जुड़ने वालों में मेरठ के युवाओं के नाम भी शामिल हैं। आइएमए से सेना में लेफ्टिनेंट बनकर शामिल होने वालों में ले. सूर्य देव सिंह, ले. जुगल कुमार, ले. मनीष कुमार, ले. सिद्धार्थ कोथ और ले. अभय सिंह हैं। वहीं ओटीए गया से टेक्निकल क्षेत्र में लेफ्टिनेंट बनने वालों में ले. निशांत सिंह, ले. देवांश शर्मा और ले. सुधांशु प्रसन्न वैद्य हैं। इन युवा अफसरों के परिजनों ने भी पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया और बच्चों की सफलता के जश्न में शामिल हुए।
सतत प्रयास से मिली सफलता
ओटीए गया से लेफ्टिनेंट बने देवांश शर्मा शुरुआती शिक्षा से ही मेधावी रहे हैं। छोटी उम्र से ही वह लक्ष्य निर्धारित कर तैयारी करते थे। उसी कारण उन्हें कभी हारना पसंद नहीं रहा। उनकी लगन से ही वह अपने लक्ष्य को हासिल कर सके। देवांश ने कक्षा छह तक की पढ़ाई दयावती मोदी एकेडमी मोदीपुरम से ही। इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई बिड़ला विद्या मंदिर नैनीताल से की और 12वीं में 97 फीसद अंक से सफल हुए। ले. देवांश ने कर्नल राजीव देवगन के मार्गदर्शन में एसएसबी की परीक्षा उत्तीर्ण कर अगस्त 2015 के बैच में टेक्निकल एंट्री स्कीम में चुने गए। ले. देवांश ने एक वर्ष ओटीए गया में और तीन वर्ष हैदराबाद के सिकंदराबाद स्थित एमसीईएमई से सीटीडब्ल्यू से इंजीनियरिग की। चार साल की ट्रेनिंग के बाद वह अफसर बने और सात म्हार में पोस्टिंग मिली। ले. देवांश के बड़े भाई उत्कर्ष शर्मा तूलानी मेरिटाइम पुना से बीटेक नॉटिकल में स्वर्ण पदक प्राप्त कर मर्चेट नेवी में सेकेंड ऑफिसर के तौर पर कार्यरत हैं। ले. देवांश के पिता मनोज कुमार कलपतरू डायरेक्ट्री के एमडी हैं और माता उषा शर्मा जन कल्याण संस्था की अध्यक्षा हैं।
पिता व भाई के पदचिन्हों पर चले सूर्य देव
आर्मी पब्लिक स्कूल में साल 2015 में 12वीं उत्तीर्ण करने वाले सूर्य देव सिंह शनिवार को आइएमए देहरादून से लेफ्टिनेंट बनकर सेना में शामिल हो गए हैं। ले. सूर्यदेव सिंह के पिता नायब सूबेदार चंद्रपाल सिंह सेना के आर्मर्ड रेजिमेंट के आठवीं कैवेलरी से 2009 में सेवानिवृत्त हुए। मूल रूप से सरधना के मानपुरी के रहने वाले ले. सूर्यदेव सिंह का परिवार अब कंकरखेड़ा के तुलसी कॉलोनी में रहता है। उनका माता का नाम कल्पना सिंह है। ले. सूर्यदेव के बड़े भाई कपिल कुमार भी पिता की ही रेजिमेंट में कार्यरत हैं। 2015 में 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद सूर्यदेव का चयन एनडीए खड़गवासला पुने में हुआ। नवंबर 2018 में आइएमए देहरादून में गए और अब ट्रेनिंग पूरी कर अफसर बन गए हैं।
दादा बने सुधांशु की प्रेरणा
शील कुंज निवासी सुधांशु प्रसन्न वैद्य भी शनिवार को ओटीए गया से लेफ्टिनेंट बनकर सेना में भर्ती हुए हैं। सुधांश ने 12वीं की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल से पूरी की और उसके बाद मिलिट्री इंजीनियरिग कॉलेज पुने से बीटेक की डिग्री हासिल की। सुधांशु के दादाजी भारतीय वायु सेना में कार्यरत थे। वह उन्हें ही अपना प्रेरणास्त्रोत मानते हैं और उनकी ही तरह सेना में शामिल होकर देश सेवा का जज्बा लिए तैयारी करते रहे। सुधांशु के पिता दौराला ऑर्गेनिक्स में डिप्टी जनरल मैनेजर है और माता ज्योति वैद्य द मिलेनियम स्कूल में हेडमिस्ट्रेस हैं। सुधांशु अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व दादा को ही देते हैं।
निशांत ने पूरा किया सपना
कंकरखेड़ा में श्रद्धापुरी के रहने वाले निशांत सिंह भी सेना में अफसर बन गए हैं। शनिवार को ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी गया में हुए पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट निशांत अफसर बनकर देश सेवा के लिए सेना से जुड़ गए। आर्मी पब्लिक स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2016 में ट्रेनिंग शुरू करने के बाद निशांत ने पूरी मेहनत व लगन से सभी कोर्स व ट्रेनिंग को पूरा किया। उनके पिता सतीश कुमार सिंह सीडीए आर्मी में कार्यरत हैं। सेना के परिवेश से जुड़ाव रहने के कारण ही निशांत ने भी सेना में ही अफसर बनने का मन बनाया। उनकी माता सीमा सिंह गृहणी हैं।
बड़े भाई की तरह अफसर बने सिद्धार्थ
साल 2015 में बड़े भाई कैप्टन रचित शर्मा के सेना में अफसर बनने के साथ ही सिद्धार्थ कोत्स की तैयारी भी शुरू हो गई थी। शनिवार को आइएमए देहरादून से सिद्धार्थ भी लेफ्टिनेंट बनकर सेना में शामिल हो गए हैं। कंकरखेड़ा में डिफेंस एनक्लेव निवासी अजय नंदन शर्मा व बबिता शर्मा के दूसरे बेटे सिद्धार्थ ने साल 2015 में सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल से 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद एनडीए में चयनित हुए। मूल रूप से परतापुर के अछरौड़ा निवासी अजय नंदन के दोनों बेटों ने देश सेवा की ही दिशा में आगे बढ़ने का मन बनाया और 12वीं के बाद एनडीए को ही प्राथमिकता दी। तैयारी की और सफल भी हुआ।
अफसर बनना ही रहा लक्ष्य
रोहटा रोड के रहने वाले लेफ्टिनेंट युगल कुमार ने पिता को देखकर ही सेना में अफसर बनने का लक्ष्य लिया और शनिवार को आइएमए से लेफ्टिनेंट बनकर निकले। उनके पिता बीपी सिंह सेना में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत हैं। माता सविता गृहणी हैं। वहीं किनौनी गांव निवासी लेफ्टिनेंट मनीष कुमार अपने चाचा सूबेदार पंकज के मार्गदर्शन में सेना में अफसर बने। चाचा पंकज दिल्ली के सेना मुख्यालय में कार्यरत हैं और मनीष का मार्गदर्शन किया। मनीष ने दिल्ली में चाचा के साथ ही रहकर पढ़ाई की और 12वीं के बाद एनडीए में चयनित हुए। पिता रुकम सिंह व माता सुदेश सिंह गांव में ही रहते हैं।
कंकरखेड़ा के शाक्या पुरी निवासी मनोज कुमार तेवतिया के पुत्र लेफ्टिनेंट अभय सिंह भी सेना में अफसर बन गए हैं। आइएमए देहरादून में उन्हें बेस्ट राइडर ट्रॉफी का भी अवार्ड मिल चुका है। अभय ने कक्षा आठवीं तक की पढ़ाई सेंट फ्रांसिस स्कूल से पूरी कर कक्षा नौवीं के लिए राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून के लिए चयनित हुए। साल 2016 में एनडीए में गए और उसके बाद आइएमए में पहुंचे।