पुलिस उत्पीड़न से आजिज युवक ने खा लिया जहर,हालत खतरे से बाहर
पुलिस के उत्पीड़न से तंग युवक ने जहर खा लिया। उसके परिजनों का आरोप है कि हस्तिनापुर पुलिस उसका उत्पीड़न कर रही है। युवक की हालत खतरे से बाहर है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 11:21 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 11:21 AM (IST)
मेरठ,जेएनएन। हस्तिनापुर के अनाज मंडी में रहने वाले एक युवक ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। परिवार ने समय रहते अस्पताल में भर्ती कराया। युवक के परिजनों का आरोप है कि हस्तिनापुर पुलिस के उत्पीड़न से तंग आकर जहर खाया है।
हालत खतरे से बाहर
पुलिस ने जानलेवा हमले में फर्जी तरीके से नामजदगी कर दी। उसके बाद गिरफ्तारी के लिए घर पर दबिश देकर उत्पीड़न कर रही है। हालांकि उपचार समय पर मिलने से युवक की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
मेरठ के लिए रेफर
मामला कस्बे की अनाज मंडी कालोनी का है। सोमवार की सुबह राकेश पुत्र संतराम ने जहरीला पदार्थ खा लिया। उसकी हालत बिगड़ते देख उसके परिजन उसे सीएचसी ले गए,जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसके मेरठ के लिए रेफर कर दिया। राकेश ने बताया कि पांच दिन पूर्व उनकी कालोनी मे बबलू और जितेंद्र में झगड़ा हो गया था,जिसमें बबलू की ओर से राकेश के भी नामजद करा दिया,जबकि वह पिछले काफी दिनों से दिल्ली मे मजदूरी करने गया हुआ था।
दिल्ली से लौट रहा था राकेश
घटना के दिन भी दिल्ली से अपने घर लौट रहा था,यह झगड़ा उसके हस्तिनापुर पहुंचने से पहले ही चुका था। पुलिस दबिश देने घर पर पहुंची। तब उसे पता चला कि जानलेवा हमले में नामजद है। पुलिस भी लगातार उसे परेशान कर उत्पीड़न कर रही है, जिससे क्षुब्ध होकर उसने सोमवार हो जहरीला पदार्थ खा लिया। थानाध्यक्ष धमेंद्र सिंह का कहना है कि मुकदमे में नामजदगी के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने राकेश का कोई उत्पीड़न नहीं किया है।
ग्रेजुएट के साथ बीएड है राकेश
पिता संतराम ने बताया कि राकेश ग्रेजुएट होने के साथ बीएड भी कर चुका है। उसके बाद भी बेरोजगार होकर मजदूरी कर रहा है। कई बार इंटरव्यू देने के बाद भी उसे कहीं नौकरी नहीं मिली है। राकेश के छोटे छोटे तीन बच्चे है और उसकी पत्नी ज्योति है। पिता ने बताया कि वह निर्दोष है।
इनका कहना है
राकेश की नामजदगी अगर गलत है, उसे अफसरों के संज्ञान में मामले को लाना चाहिए था। पुलिस निष्पक्ष जांच कराने के बाद ही कार्रवाई करेगी। हालांकि अभी तक राकेश का मामला हमारे संज्ञान में नहीं है।
- अविनाश पांडेय, एसपी देहात
हालत खतरे से बाहर
पुलिस ने जानलेवा हमले में फर्जी तरीके से नामजदगी कर दी। उसके बाद गिरफ्तारी के लिए घर पर दबिश देकर उत्पीड़न कर रही है। हालांकि उपचार समय पर मिलने से युवक की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
मेरठ के लिए रेफर
मामला कस्बे की अनाज मंडी कालोनी का है। सोमवार की सुबह राकेश पुत्र संतराम ने जहरीला पदार्थ खा लिया। उसकी हालत बिगड़ते देख उसके परिजन उसे सीएचसी ले गए,जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसके मेरठ के लिए रेफर कर दिया। राकेश ने बताया कि पांच दिन पूर्व उनकी कालोनी मे बबलू और जितेंद्र में झगड़ा हो गया था,जिसमें बबलू की ओर से राकेश के भी नामजद करा दिया,जबकि वह पिछले काफी दिनों से दिल्ली मे मजदूरी करने गया हुआ था।
दिल्ली से लौट रहा था राकेश
घटना के दिन भी दिल्ली से अपने घर लौट रहा था,यह झगड़ा उसके हस्तिनापुर पहुंचने से पहले ही चुका था। पुलिस दबिश देने घर पर पहुंची। तब उसे पता चला कि जानलेवा हमले में नामजद है। पुलिस भी लगातार उसे परेशान कर उत्पीड़न कर रही है, जिससे क्षुब्ध होकर उसने सोमवार हो जहरीला पदार्थ खा लिया। थानाध्यक्ष धमेंद्र सिंह का कहना है कि मुकदमे में नामजदगी के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने राकेश का कोई उत्पीड़न नहीं किया है।
ग्रेजुएट के साथ बीएड है राकेश
पिता संतराम ने बताया कि राकेश ग्रेजुएट होने के साथ बीएड भी कर चुका है। उसके बाद भी बेरोजगार होकर मजदूरी कर रहा है। कई बार इंटरव्यू देने के बाद भी उसे कहीं नौकरी नहीं मिली है। राकेश के छोटे छोटे तीन बच्चे है और उसकी पत्नी ज्योति है। पिता ने बताया कि वह निर्दोष है।
इनका कहना है
राकेश की नामजदगी अगर गलत है, उसे अफसरों के संज्ञान में मामले को लाना चाहिए था। पुलिस निष्पक्ष जांच कराने के बाद ही कार्रवाई करेगी। हालांकि अभी तक राकेश का मामला हमारे संज्ञान में नहीं है।
- अविनाश पांडेय, एसपी देहात
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