Young Achievers: कुश्ती से मिली सीख ने मेरठ के गौरव को चोट के बाद फिर खेलने के लिए किया प्रेरित
Young Achievers पहलवानी में मेरठ के होनहार भी पीछे नहीं रहे है। मेरठ में जुर्रानपुर के रहने वाले पहलवान गौरव 130 किलो भार वर्ग में ग्रीको रोमन कुश्ती खेलते हैं। पीठ पर लगी चोट भी गौरव को लंबे समय तक मैट पर आने से नहीं रोक सकी।
मेरठ, [अमित तिवारी]। Young Achievers कुश्ती का खेल पहलवानों को हर पटखनी के बाद उठकर दोबारा ताल ठोकने की सीख देती है और प्रेरित भी करती है। खेल से मिली उसी सीख को मेरठ के पहलवान गौरव गुर्जर ने अपने जीवन में भी प्रेरणा का स्त्रोत बनाया है। तभी तो पीठ में लगी चोट के बाद कुछ समय तक खेल से दूर रहने के दौरान उन्होंने कुश्ती को याद किया और हर पटखनी के बाद उठ कर खड़े होने को प्रेरित होते रहे। स्वास्थ सुधारा, दर्द भगाया और फिर कुश्ती के मैट पर ताल ठोकने को तैयार हो गए। मेरठ में जुर्रानपुर के रहने वाले पहलवान गौरव 130 किलो भार वर्ग में ग्रीको रोमन कुश्ती खेलते हैं। प्रदेश स्तर से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के ट्रायल में हिस्सा ले चुके गौरव इन दिनों सोनीपत में भारतीय नौसेना की कुश्ती टीम के साथ रहकर प्रशिक्षण ले रहे हैं।
लक्ष्य फरवरी का सीनियर नेशनल है
दोबारा कुश्ती खेलना शुरू करने वाले गौरव का अगला लक्ष्य फरवरी में जालंधर में होने जा रहा सीनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप है। यह चैंपियनशिप 20-21 फरवरी को होनी है। इसके लिए 10 फरवरी के आसपास उत्तर प्रदेश रेसलिंग की ओर से ट्रायल भी किए जाएंगे। गौरव ने 2012 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय स्थित कुश्ती हॉल में कोच डॉ जबर सिंह सोम के मार्गदर्शन में कुश्ती खेलना शुरू किया था। कुछ समय बाद वह कुश्ती के प्रशिक्षण के लिए रोहतक चले गए थे।
वहीं से उस समय खेले और सीखते हुए प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लिया। उस दौरान पीठ में चोट लग जाने के कारण उनकी कुश्ती छूट गई और वापस घर लौटना पड़ा। गौरव को यह चोट साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप के ट्रायल के दौरान लगी थी। इसमें वह फाइनल में प्रतिद्वंदी से हार गए थे। यह चोट सामान्य थी इसीलिए उन्होंने करीब दो महीने बाद हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के ट्रायल में भी हिस्सा लिया। यह सोनीपत के बालगढ़ में हुई थी। जून 2018 में हुए इस ट्रायल में गौरव की चोट गहरी हो गई। इसके बाद ही उनका कुश्ती खेलना कम हो गया था।
साल 2017 से शुरू हुआ पदकों का सिलसिला
गौरव ने साल 2017 में कैडेट यूपी स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था और स्वर्ण पदक जीतकर नेशनल कैडेट रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने तमिलनाडु गए थे। 2018 में भी कैडेट रेसलिंग में स्वर्ण पदक जीते। 2018 में ही हुई जूनियर यूपी स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में गौरव ने रजत पदक जीता था। इसके बाद 2019 में तीन प्रतियोगिताओं में लगातार स्वर्ण पदक जीता। इस साल उन्होंने सबसे पहले जूनियर यूपी स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता। उसके बाद अंडर 23 यूपी स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत लिया। उसी साल सीनियर स्टेट यूपी रेसलिंग चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीतकर लौटे थे। एक साल में तीन प्रतियोगिताओं में तीन स्वर्ण पदक बहुत कम पहलवानों ने जीता होगा। यह उपलब्धि गौरव ने अपने नाम की है और अब एक बार फिर उसी जोश को दोबारा खेल में दिखाना चाहते हैं।
जूनियर नेशनल में जीता पदक, अब सीनियर नेशनल की बारी
गौरव ने साल 2017 में पहली बार कैडेट नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में कोई पदक तो नहीं जीते लेकिन प्रदर्शन में काफी निखार देखने को मिला। इसके बाद साल 2018 में उन्होंने सब जूनियर नेशनल रेसिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। यह प्रतियोगिता पुणे में आयोजित की गई थी। इसके बाद साल 2018 में अंडर 23 नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।
यह प्रतियोगिता चित्तौड़गढ़ में हुई थी। इसमें भी पदक नहीं जीते लेकिन प्रदर्शन को सराहना मिली। उसी साल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए हुए ट्रायल के फाइल में खेलने के दौरान पीठ में चोट लगने से कुछ समय के लिए प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना बंद कर दिया था। अब गौरव ने 2021 में सीनियर नेशनल को अपना लक्ष्य बनाया है जिससे वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की ओर भी कदम बढ़ा सकें।