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Young Achievers: यूपी पुलिस में शामिल होकर कुश्ती में ताल ठोक रहीं मेरठ की साक्षी, ऐसा रहा प्रदर्शन

Young Achievers मेरठ की पहलवान साक्षी शर्मा ने प्रदेशीय प्रतियोगिताओं में पिछले एक दशक में हर साल स्वर्ण पदक जीता और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी दमदार प्रदर्शन के साथ पदक जीत रही हैं। उनका यह शानदार सफर अभी जारी है।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 08:50 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 08:50 AM (IST)
Young Achievers: यूपी पुलिस में शामिल होकर कुश्ती में ताल ठोक रहीं मेरठ की साक्षी, ऐसा रहा प्रदर्शन
प्रेरित होकर साल 2010 में ही साक्षी शर्मा ने कुश्ती खेलना शुरू कर दिया।

मेरठ, [अमित तिवारी] । Young Achievers पिता की लाडली बेटियों को जब भी पिता का प्रोत्साहन मिला है वह जीवन के हर लक्ष्य को हासिल करते हुए सफलता की नई सीढ़ियां चढ़ते हुए आगे बढ़ी हैं। ऐसी ही बेटी बनकर पिता का नाम रोशन कर रही हैं मेरठ की पहलवान साक्षी शर्मा जिन्होंने प्रदेशीय प्रतियोगिताओं में पिछले एक दशक में हर साल स्वर्ण पदक जीता और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी दमदार प्रदर्शन के साथ पदक जीत रही हैं। पीएसी में तैनात अनिरुद्ध शर्मा के प्रोत्साहन पर कुश्ती का ताल ठोकते हुए सफलता की सीढ़ी चढ़ रहीं साक्षी ने अब पिता की ही तरह उत्तर प्रदेश पुलिस की यूनिफार्म भी हासिल कर ली है और अब पुलिस की ओर से कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती हैं।

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पिता के दिखाए रास्ते पर बढ़ी साक्षी

मेरठ स्थित 44 पीएसी में कार्यरत अनिरुद्ध शर्मा ने बेटी साक्षी का डील-डौल देखकर स्कूली शिक्षा के ही दौरान कुश्ती खेलने के लिए प्रेरित किया। उसी दौरान दिल्ली कामनवेल्थ गेम्स में मेरठ की अंतरराष्ट्रीय पहलवान अलका तोमर ने भी पदक जीता था जिसकी चर्चा पूरे देश में थी। मेरठ की होने के नाते अलका की उपलब्धियों ने मेरठ की बेटियों के साथ ही अभिभावकों को भी अधिक प्रोत्साहित किया। एक दिन अनिरुद्ध साक्षी को लेकर चौ. चरण सिंह विवि परिसर स्थित कुश्ती हाल में कोच डा. जबर सिंह सोम के साथ ले गए। साक्षी के हाव-भाव देख कर ही गुरुजी जबर सिंह सोम ने साक्षी में भविष्य का पहलवान देख लिया। साल 2010 में ही साक्षी ने कुश्ती खेलना शुरू कर दिया।

प्रदेश में स्वर्ण से हुई शुरुआत

साक्षी ने पहली प्रदेश स्तरीय सब-जूनियर रेसलिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता और नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में स्थान बनाया। इसके बाद से साक्षी तकरीबन हर साल प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर आगे बढ़ी और नेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। पहला राष्ट्रीय पदक उन्होंने साल 2011 में हासिल किया। सब-जूनियर नेशनल प्रतियोगिता नरवाना में हुई थी जिसमें साक्षी ने कांस्य पदक जीता था। उसी साल जुलाई में तमिलनाडु में हुई दूसरी सब-जूनियर नेशनल में भी साक्षी ने कांस्य पदक जीता। मई 2012 के सलोन सब-जूनियर नेशनल में और कई 2013 के चंडीगढ़ जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में साक्षी ने रजत पदक जीता और अपने प्रदर्शन में सुधार के साथ आगे बढ़ीं।

पुलिस प्रतियोगिता में भी जीता पदक

साक्षी ने पदक जीतने का सिलसिला जारी रखते हुए मई 2014 झुमरी तलैया जूनियर नेशनल, अप्रैल 2015 रांची के जूनियर नेशनल में कांस्य पदक जीतकर लौटीं। सत्र 2014-15 में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में हुई आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। उसी साल दिसंबर 2015 में इंदिरा गांधी स्टेडियम दिल्ली में हुई सीनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में पहली बार हिस्सा लेकर साक्षी ने कांस्य पदक अपने नाम किया। अक्टूबर 2016 के गोंडा सीनियर नेशनल में पदक नहीं जीत सकीं लेकिन नवंबर 2017 में एक बार फिर इंदौर सीनियर नेशनल में कांस्य पदक जीत लिया। इसके बाद सीनियर नेशनल 2018 गोंडा और दिसंबर 2019 जालंधर में भी प्रतिभाग किया। लाकडाउन के ठरीक पहले फरवरी 2020 में हरियाणा में आयोजित आल इंडिया पुलिस रेलसिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।

अलका और विनेश से हैं प्रेरित

साक्षी के अनुसार उनके कुश्ती की प्रशिक्षण अलका तोमर की अंतरराष्ट्रीय सफलता को देखते हुए हुई थी। वही उनकी पहली प्रेरणास्त्रोत हैं जिन्हें देखकर वह कुश्ती सीखने पहुंची। उनके साथ प्रशिक्षण करने और सीखने का भी मौका मिला। वहीं समकक्ष पहलवानों में साक्षी पहलवान वीनेश फोगाट को भी पसंद करती हैं। नेशनल कैंप में दोनों साथ में हिस्सा लेकर प्रशिक्षण भी कर चुके हैं।

2018 में हुई पुलिस में भर्ती

साक्षी को खेल कोटे के ही जरिए साल 2018 में उत्तर प्रदेश पुलिस का हिस्सा बनने का मौका मिला। ट्रेनिंग के बाद उन्होंने उसी साल पुलिस सेवा को ज्वाइन किया और अब उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से ही कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती हैं। वर्तमान में भी साक्षी का प्रशिक्षण गाजियाबाद स्थित 47 पीएसी में उत्तर प्रदेेेेश पुलिस की कुश्ती टीम के साथ प्रशिक्षण कर रही हैं। वह अब भी जब भी मेरठ में रहती हैं तो उनका प्रशिक्षण सीसीएसयू परिसर में कोच डा. जबर सिंह सोम के संरक्षण में ही होता है।

पहलवान को परिवार का साथ जरूरी

साक्षी शर्मा का कहना है कि कुश्ती के खेल में आगे बढ़ने वाले खिलाड़ियों के लिए परिवार का पूरा सहयोग बहुत जरूरी है। एक पहलवान की डायट का खर्च कहीं ज्यादा होता है। यदि खिलाड़ी को परिवार का सहयोग नहीं मिला और डायट पूरी नहीं हुई तो वह आगे नहीं बढ़ सकते हैं। कई अच्छे पहलवान अच्छी डायट की कमीं के कारण ही बीच में पहलवानी छोड़ देते हैं। साक्षी स्वयं को खुशकिस्तम मानती हैं जो उन्हें परिवार का पूरा सहयोग मिला। साथ ही वह प्रदेश सरकार की ओर से भी खिलाड़ियों के लिए और बेहतर कदम उठाए जाने की अपेक्षा करती हैं अगली ट्रायल और प्रतियोगिताओं पर है नजर साक्षी शर्मा का पूरा ध्यान अब साल 2021 की कुश्ती प्रतियोगिताओं पर है। पहला फोकस गोंडा में 16 जनवरी को होने जा रहे प्रदेश स्तरीय ट्रायल पर है जिसमें चयन के बाद उन्हें सीनियर नेशनल में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। साल 2021 में पहला नेशनल 2020 वाला ही होना है जो पिछले साल कोविड के कारण आयोजित नहीं हो सका। 2020 की प्रतियोगिताओं के साथ 2021 की प्रतियोगिता भी कुछ महीने बाद होंगी। इन प्रतियोगिताओं में सफल होने के बाद ही पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का टिकट मिलेगा।


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