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Young Achievers: मेरठ की पहलवान बबीता सिंह ने दी प्रतिद्वंदियों को दी है जोरदार पटखनी

Young Achievers मेरठ के फूलबाग कालोनी की रहने वाली पहलवान बबीता सिंह पुत्री प्रेम सिंह ने भी प्रदेश से लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तक दमदार दांव खेलते हुए लगातार मेरठ का नाम रोशन किया है। बबीता सिंह का यह सिलसिला अभी जारी है।

By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 09:00 AM (IST)
Young Achievers: मेरठ की पहलवान बबीता सिंह ने दी प्रतिद्वंदियों को दी है जोरदार पटखनी
कोच वतन सिंह सोम के मार्गदर्शन में बबीता ने 2004 में पहला राष्ट्रीय पदक जीता था।

मेरठ, [अमित तिवारी] । Young Achievers चौधरी चरण सिंह विवि के रुस्तम-ए-जमा दारा सिंह कुश्ती हाल का नाम यहां के पहलवानों ने दुनिया भर में सुनाम किया है। विशेष तौर पर जब से बालिकाओं ने पहलवानी में ताल ठोकनी शुरू की है मेरठ के हुंकार की आवाज भी बढ़ने लगी है। इसी कड़ी में मेरठ के फूलबाग कालोनी की रहने वाली पहलवान बबीता सिंह पुत्री प्रेम सिंह ने भी प्रदेश से लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तक दमदार दांव खेलते हुए लगातार मेरठ का नाम रोशन किया है। बड़ों से प्रेरणा ली छोटों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बनते हुए आगे बढ़ी बबीता ने पहलवानी में कई पदक जीते हैं।

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शुरुआत अच्छी रही और हौसला भी बढ़ने लगा

जिला व प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं में बबीता सिंह ने शुरू से ही अपना दबदबा कायम करना शुरू कर दिया था। कुछ प्रतियोगिताएं जीती तो कुछ में पदक पर दांव नहीं लगे। पदक की चिंता को छोड़कर अपने प्रदर्शन को सदा बेहतरीन करने की दिशा में परिश्रम करतीं रहीं। कोच वतन सिंह सोम के मार्गदर्शन में बबीता सिंह ने साल 2004 में पहला राष्ट्रीय पदक जीता था। जम्मू-कश्मीर में मई 2004 में हुई सब-जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में बबीता सिंह ने कांस् पदक जीता था। उसी साल दिसंबर में गंगा इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली में हुई सब-जूनियर नेशनल में रजत पदक जीत लिया।

चलता रहा पदक जीतने का सिलसिला

बबीता ने हर प्रतियोगिता के बाद स्वयं को निखारने की कोशिश की जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। मार्च 2005 में पंजाब में हुई भारत केसरी रेसलिंग टूर्नामेंट में एक बार फिर कांस्य जीतकर आगे बढ़ी और नवंबर 2005 में पुणे में हुई सब-जूनियर नेशनल में रजत पदक जीत लिया। साल 2007 में श्रीनगर में हुए जूनियर फिमेल नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में बबीता ने दमदार प्रदर्शन दिखाया और स्वर्ण पदक जीत लिया। उसी साल दिसंबर में राजस्थान के उदयपुर में हुई सीनियर फिमेल रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर लौटीं। इसके बाद 2008 और 2009 के सीनियर नेशनल में कांस्य पदक और दिसंबर 2009 में आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी मेरठ में रजत पदक जीत लिया। इसके बाद यूनिवर्सिटी और नेशनल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करते हुए पदक जीतने के सिलसिले को जारी रखा।

अंतरराष्ट्रीय में करनी पड़ी मेहनत

बबीता सिंह ने नेशनल प्रतियोगिता में पहले ही प्रयास में पदक जीत लिया था लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्हें थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी। साल 2007 में चीन के बीजिंग में आयोजित जूनियर वल्र्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में बबीता ने प्रतिभाग किया और बेहतर प्रदर्शन के साथ खेलीं। प्रतियोगिता के अंत में पदक भले हरी न मिला लेकिन इस प्रतियोगिता से लौटीं बबीता का आत्मविश्वास बढ़ चुका था। साल 2009 में उन्होंने जालंधर में हुई शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया लेकिन पदक हाथ नहीं लगा। उसी साल दिसंबर में जालंधर में ही हुई कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में बबीता सिंह ने कांस्य पदक जीत लिया। साल 2010 में भी क्यूबा के हबाना शहर में इनविटेशनल रेसलिंग टूर्नामेंट में बबीता सिंह विदेशी धरती पर कांस्य पदक जीतकर लौटीं। इसके बाद उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया।


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