आप अतिरिक्त कर देंगे, रैपिड रेल का टोकन भी कमाकर देगा
गति से प्रगति के स्लोगन वाली रैपिड रेल जितनी अत्याधुनिक तकनीक से लैस है
प्रदीप द्विवेदी, मेरठ। गति से प्रगति के स्लोगन वाली रैपिड रेल जितनी अत्याधुनिक तकनीक से लैस है उतना ही इसका संचालन महंगा है। मात्र किराए के पैसे से इसका सामान्य खर्च भी नहीं उठाया जा सकता। इसकी गति बनाए रखने व दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर को विकास में प्रगति कराने को निजी हाथों का भरपूर योगदान रहेगा। कंपनी के संचालन का जिम्मा निजी कंपनी को दिया जाएगा। ट्रांजिट आरिएंटेड डेवलपमेंट नीति, वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिग नीति लागू होगी। जिसका प्राविधान मेरठ महायोजना-2031 में भी किया जा रहा है। अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी, निजी वाहन पंजीकरण शुल्क बढ़ाने से लेकर टोकन तक से कमाई का खाका खींचा जा रहा है। राजस्व वसूलने के तरीकों को दो भागों में बांटा गया है। पहला है : इनोवेटिव रेवेन्यू सोर्स व दूसरा है कन्वेंशनल रेवेन्यू सोर्स। इन सबके लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक ने पैनल बना दिया है जो सरकारों को नीति परिवर्तन करने व ढांचागत विकास को बढ़ाने में मदद करेगा। बढ़ सकते हैं ये कर
-स्टांप ड्यूटी
-एफएआर की दर
-विकास शुल्क ये अतिरिक्त कर लग सकते हैं
-पेट्रोलियम उत्पादों पर सेस
-प्राइवेट वाहन रजिस्ट्रेशन कर
-वाहन प्रदूषण कर
-वाहनों के दबाव से सड़कों का कंजेशन कर 500 एकड़ के दो जोन में बड़ी कंपनियों के होंगे अस्पताल, होटल
500 एकड़ के दो विशेष जोन बनेंगे। जिसमें बड़ी निजी कंपनियों के अस्पताल, कालेज, होटल आदि होंगे। अन्य स्थानों पर भी देश की बड़ी निजी कंपनियों को जमीन आरक्षित की जा सकती है या सरकारी जमीन लीज पर देकर व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है। स्टेशन के ज्यादातर स्थानों का उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए करके धनराशि ली जाएगी। निजी कंपनी देगी आफर, उसी से पहुंचना चाहेंगे स्टेशन
रैपिड रेल के साथ करार वाली निजी कंपनी की बस फीडर सेवा शुरू होगी। सिर्फ उसी में यात्री यात्रा करें इसके लिए लुभावना आफर दिया जा सकता है। इसमें कई तरह की छूट, प्वाइंट, गिफ्ट आदि शामिल होंगे। स्टेशन का नाम बदलकर भी होगी कमाई
रैपिड रेल स्टेशनों के वर्तमान नाम भी संचालन के समय बदले जा सकते हैं। जो भी संस्था, कंपनी या व्यक्ति अपने नाम पर स्टेशन का नाम चाहेगा, किया जा सकेगा। इसके लिए उसे मोटी रकम चुकानी होगी। इसके लिए कंपनी विशेष आफर भी लेकर आएगी ताकि नाम कमाने की इच्छा रखने वाले लोग या कंपनियां पैसा खर्च करें। स्टेशन व कारिडोर की हरसंभव खाली जगह से व्यावसायिक गतिविधियों के जरिए कमाई की जाएगी। मोबाइल कंपनियों के टावर लगाकर व फाइबर केबल नेटवर्क को जगह देकर भी कमाई की जाएगी। ट्रेन का प्रत्येक डिब्बा अंदर-बाहर विज्ञापन से रंगा होगा। स्मार्ट कार्ड व टोकन पर भी विज्ञापन होगा। इसके बाकायदा प्रायोजक होंगे। कई पेमेंट बैंक से भी करार होगा।