बच्चों में एकाग्रता बढ़ाने के लिए कराएं बाल योग, एनसीपीसीआर ने जारी की गाइडलाइन
छोटी उम्र में ही बच्चों का नियमित योग क्रिया से जुड़ना अधिक लाभकारी होता है। एनसीपीसीआर की ओर से बकायदा इसके लिए गाइडलाइन जारी की गई है।
मेरठ, जेएनएन। बच्चों के स्वास्थ्य, खुशहाली और बेहतर एकाग्रता के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बच्चों के लिए योग को सर्वश्रेष्ठ बताया है। आयोग का मानना है कि छोटी उम्र में बच्चों को योग से जोड़ने के लिए योगाभ्यास की बेहतरीन कल्पनाशील कहानियां कारगर होती हैं। बच्चे योग अभ्यास से जुड़ते हैं। छोटी उम्र में ही बच्चों का नियमित योग क्रिया से जुड़ना अधिक लाभकारी होता है। एनसीपीसीआर की ओर से बकायदा इसके लिए गाइडलाइन जारी की गई है।
बाल योग के लिए गाइडलाइन
तीन से 10 साल तक के बच्चों के लिए
- लंबी अवधि के आसन व सांस रोकने वाले अभ्यास (कुंभक) न करें।
- बच्चों के योगासनों में स्ट्रेच और चलन क्रियाएं सम्मिलित हों।
- आसनों को बोलकर बताने की बजाय कर के दिखाना बेहतर।
- शुरुआती सत्र में बच्चों की मुद्राओं को ठीक करने पर जोर दें।
- अत्यधिक आगे व पीछे झुकने वाले आसनों से बचें।
- सिर के बल खड़े होने वाले व हाथों पर खड़े होने वाले आसनों से बचें।
- योग अभ्यास के दौरान अधिक खींचने या झटका देने से बचें।
- बच्चा असुविधा की शिकायत करे तो अविलंब चिकित्सक को दिखाएं।
- बच्चों में तुलना से बचें, हर सत्र में अनुशासित होकर बैठने को प्रेरित करें।
- बेहतर परिणाम के लिए योग के यम और नियम जैसे मूल सिद्धांत पर जोर दें।
किशोर वर्ग के लिए
- योग अभ्यास के समय प्रतिस्पर्धा का दृष्टिकोण नहीं होना चाहिए।
- मासिक धर्म के दौरान बालिकाएं केवल विश्रम देने वाले आसन ही करें।
- आसन प्रारंभ से उन्नत की ओर हो, इसके बाद प्राणायाम, बंध, मुद्रा, विश्रम और ध्यान करें।
- आसनों का अभ्यास जल्दबाजी में नहीं करना चाहिए, अनुचित शक्ति प्रयोग न करें।
- आसन में अंतिम मुद्रा क्षमता के अनुसार बनाए रखना ही लाभदायक।
- योग का अभ्यास खाली पेट या हल्के भोजन के बाद ही करें।
- मुद्रा का अभ्यास अधिक समय और सजगता के साथ करना जरूरी है।
- शारीरिक बदलावों के कारण किशोरावस्था के प्रति नकारात्मक छवि होती है, इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षण व प्रोत्साहन देना जरूरी। हर अभ्यास के बारे में और उससे मिलने वाले लाभ के बारे में भी बताएं।
आईसीएसई के स्कूलों में भी मनाया जाएगा योग दिवस
आयुष मंत्रलय की ओर से पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मंत्रलय की ओर से संयुक्त सचिव पीएन रंजीत कुमार काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन के चेयरमैन डा. जी इमैनुअल को पत्र लिखकर आइसीएसई स्कूलों में भी योग दिवस मनाने को कहा है। काउंसिल की वेबसाइट पर जारी पत्र के अनुसार सभी आइसीएसई स्कूलों में योग पर कार्यशाला योजित करने को कहा जाएगा। जिससे बच्चों व शिक्षकों को योग से जोड़ने के साथ ही गर्मी की छुट्टियों में योग दिवस के लिए तैयार हो सकें।
45 मिनट का योगासनों का क्रम तैयार
कॉमन योगा प्रोटोकॉल में करीब 45 मिनट तक चलने वाले योगासनों का क्रम तैयार किया गया है। उसी क्रम में बच्चों व शिक्षकों को भी योगासनों का अभ्यास कराना है। इस बाबत 15 दिनों की कार्यशाला में हर दिन एक घंटे का ट्रेनिंग सेशन चलेगा जिसमें उन्हीं योगासनों का अभ्यास कराया जाएगा जिसे योग दिवस के दिन किया जाता है। सीआइएससीई से मान्यता प्राप्त शहर के स्कूल योग दिवस पर सामूहिक योगाभ्यास कराने से बचते हैं। इससे भी काउंसिल से मान्यता प्राप्त स्कूलों में योग नहीं कराया गया। इस साल ऐसा माना है जा रहा है कि काउंसिल से निर्देश मिलने पर शहर के आइसीएसई स्कूलों में भी योग कराया जाएगा।
स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है योग
स्कूली बच्चों के लिए योग की कुछ क्रियाएं निर्धारित की गई हैं, जिसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में भी कराया जाता है। इन योगासनों को रोज करते रहने से एक योगासन से योगासन में जाने के क्रम में होने वाली शारीरिक क्रिया से शक्ति, धैर्य और लचीलापन बढ़ता है। यह जरूरी है कि 10 साल से कम आयु के बच्चे किसी भी योगासन में 10 सेकेंड ही रहें। बच्चों के योग सत्र का कुल समय 20 मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए।