शिवरात्रि पर भगवान आशुतोष के जलाभिषेक को मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब Meerut News
इस बार शिवरात्रि पर भक्तों को भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए लगातार दो दिनों का पावन अवसर मिला है। मंगलवार को सुबह से ही शिवालयों में घंटे गूंजने लगे।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 10:13 AM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 10:13 AM (IST)
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। भक्तों को भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए लगातार दो दिनों का पावन अवसर मिला है। सावन के दूसरे सोमवार को सुबह से शिवालयों में घंटे गूंजने लगे। आम भक्तों के साथ कांवड़ियों ने भी भोले की परिक्रमा कर हाजिरी जल चढ़ाया। औघड़नाथ मंदिर में भक्तों के दर्शन का सिलसिला जारी रहा। मंगलवार तड़के से ही शहर के हर मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने बड़ी संख्या में शिवलिंग पर जल चढ़ाया। यह सिलसिला पूरे दिन चलेगा।
जानिए शिवरात्रि का मुहूर्त
इस बार चतुर्दशी तिथि 30 जुलाई 2019 को शुरू होगी और 31 जुलाई 2019 को सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। महाशिवरात्रि की पूजा 31 जुलाई 2019 को सुबह 9 बजे से 2 बजे तक की जाएगी। श्रावण मास भगवान शिव की भक्ति को समर्पित है। शिवरात्रि पर महादेव की पूजा से विशेष फल मिलता है। सावन का महीना भगवान शिव के अलावा मां पार्वती की पूजा-आराधना के लिए भी सर्वेत्तम है।
तड़के ही खोल दिए गए कपाट
सोमवार को तड़के चार बजे से औघड़नाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए थे। भक्तों की भीड़ को गर्भ गृह में नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ परमधाम न्यास के सेवादार मुस्तैद रहे। राधा कृष्ण और देवी भगवती का दिव्य श्रृंगार भी भक्तों को आकर्षित करता रहा। देर रात तक भी भक्तों की लंबी कतार लगी थी। मंगलवार को शिवरात्रि के पर्व को लेकर मंदिर के कपाट रात में भी खुले रहे। कांवड़ियों ने त्रयोदशी का जल भोले पर अर्पित किया। मंदिर समिति के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि रात दस बजे तक एक लाख भक्त दर्शन कर चुके थे। मंगलवार तड़के चार बजे आरती के बाद मंदिर के कपाट खुल जाएंगे। तीन बजे से सिर्फ कांवड़ियों को प्रवेश दिया जाएगा।
अन्य मंदिरों में भी भक्तों का रेला
सदर बिल्वेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों का रेला उमड़ा रहा। केसर गंज स्थित झाड़खंडी महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने रुद्राभिषेक किया। न्यू मोहनपुरी स्थित दयालेश्वर महादेव मंदिर में पारे के शिवलिंग का अभिषेक हुआ। साकेत शिव मंदिर में शिव-पार्वती के विग्रह का श्रृंगार एक टक होकर लोग निहारते रहे। बुढ़ानागेट स्थित धर्मेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों की कतार लगी रही। मंदिर में शिवरात्रि पर फूल बंगला सजाया जाएगा। बाबा का मुकुट भी चढ़ाया जाएगा।
इस तरह संभालेंगे यातायात व्यवस्था
जिला प्रशासन और औघड़नाथ मंदिर प्रशासन की ओर से सोमवार औघड़नाथ मंदिर पर दो दिवसीय नागरिक सुरक्षा कोर मेरठ का कैंप लगाया गया। कैंप का उद्घाटन जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने किया। कैंप की प्रथम शिफ्ट सिविल लाइन प्रभाग द्वारा संचालित की गई है। इसी प्रकार शिफ्टवार प्रभागों की डयूटी लगाई गई है। तीन सौ से अधिक वार्डन अपनी सेवाएं देगी। साथ ही विभिन्न महत्वपूर्ण चौराहों पर चार सौ से अधिक वार्डन और पदाधिकारी व्यवस्था और यातायात नियंत्रण में सहयोग करेंगे। इस दौरान एसएसपी अजय साहनी, अपर जिलाधिकारी महेश चंद शर्मा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सुभाष और नागरिक सुरक्षा के चीफ वार्डन संदीप गोयल भी उपस्थित रहे।
प्रसाद के 50 स्टाल लगेंगे
मंदिर परिसर के बाहर खोया-पाया शिविर से सोमवार को पूरे दिन बिछुड़ने वालों की सूचना प्रसारित होती रही। मंदिर के बाहर और अंदर स्वास्थ्य विभाग और निजी संस्थाओं द्वारा चिकित्सा शिविर में कांवड़ियों का उपचार हुआ। मंदिर मार्ग पर प्रसाद वितरण के 50 स्टाल शिवरात्रि पर लगाए जाएंगे।
वाहनों का आवागमन बंद
पुलिस ने सोमवार को ही नैंसी चौराहे, मंदिर मार्ग और एमएच रोड पर बैरिके¨डग कर वाहनों की आवाजाही रोक दी है। मंदिर के गर्भ गृह के ऊपर कंट्रोल रूम बनाया गया है।
आज दो घंटे बाद होगी महाआरती
औघड़नाथ मंदिर में कांवड़ियों की बड़ी संख्या के मद्देनजर मंगलवार शाम सात बजे होने वाली महाआरती नौ बजे होगी। पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि सुबह से दोपहर दो बजे तक आम भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा। दोपहर दो बजे गर्भ गृह की साफ सफाई होगी, श्रृंगार के उपरांत लगभग आधे घंटे बाद मंदिर खोल दिया जाएगा। इसके बाद केवल कांवड़िया चतुर्दशी का जल चढ़ाएंगे।
रात्रि जागरण के बिना आराधना अधूरी
औघड़नाथ मंदिर में रात्रि में चार प्रहर की आरती होगी। सभी मुख्य मंदिरों में रात में पूजा-अर्चना का क्रम चलेगा। मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि मंगलवार को रात 9 बजे, 11 बजे, 1 बजे और 31 की तड़के चार बजे आरती होगी। रात भर भक्त भजन कीर्तन करेंगे।
आवभगत में लगे परिजन
कांवड़ लेकर शहर की सीमा में प्रवेश के बावजूद कांवड़िया जब तक चतुर्दशी का जलाभिषेक नहीं कर लेते तब-तक घर में प्रवेश नहीं करते। जितने समय वह कांवड़ उठाए रहते हैं घरों में भी सादा खाना बनता है। ऐसे में थके हारे कांवड़ियों के मंदिर परिसर में पहुंचते ही उनके परिजन उनसे मिलने पहुंचे। कुशलक्षेम पूछने का सिलसिला चलता रहा। नैंसी रोड, एमएच रोड, मंदिर मार्ग पर पारिवारिक मिलन जैसा माहौल रहा।
केसरिया सैलाब
औघड़नाथ मंदिर परिसर और मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग सोमवार की दोपहर तक कांवड़ियों से पूरी तरह पटे थे। पार्क और सड़क के किनारे लगी रेलिंग तरह-तरह की आकर्षक कांवड़ों से सजी हुई थी। पूरा क्षेत्र मानों भक्ति के केसरिया रंग में रग गया।
पुरा महादेव मंदिर में जलाभिषेक
कांवड़ यात्रा के अवसर पर बागपत के पुरा के भगवान परशुमेश्वर महादेव मंदिर में मंगलवार को आस्था का समुंदर उमड़ गया। लाखों शिवभक्तों ने पहुंचकर जलाभिषेक किया। जिधर-देखों उधर कांवड़ियां ही नजर आ रहे है। मेले का शुभारंभ रविवार सुबह विधि-विधान से हुआ था। तभी से ही शिवभक्त मंदिर पहुंच रहे है। घंटों लाइन में लगकर शिवभक्त जलाभिषेक कर रहे है, फिर उनके चेहरे पर जरा भी सिकन नहीं है। पुजारी पंड़ित जयभगवान शर्मा ने बताया कि मंगलवार की तड़के से शिवभक्त मंदिर में जलाभिषेक कर रहे है।
जानिए शिवरात्रि का मुहूर्त
इस बार चतुर्दशी तिथि 30 जुलाई 2019 को शुरू होगी और 31 जुलाई 2019 को सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। महाशिवरात्रि की पूजा 31 जुलाई 2019 को सुबह 9 बजे से 2 बजे तक की जाएगी। श्रावण मास भगवान शिव की भक्ति को समर्पित है। शिवरात्रि पर महादेव की पूजा से विशेष फल मिलता है। सावन का महीना भगवान शिव के अलावा मां पार्वती की पूजा-आराधना के लिए भी सर्वेत्तम है।
तड़के ही खोल दिए गए कपाट
सोमवार को तड़के चार बजे से औघड़नाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए थे। भक्तों की भीड़ को गर्भ गृह में नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ परमधाम न्यास के सेवादार मुस्तैद रहे। राधा कृष्ण और देवी भगवती का दिव्य श्रृंगार भी भक्तों को आकर्षित करता रहा। देर रात तक भी भक्तों की लंबी कतार लगी थी। मंगलवार को शिवरात्रि के पर्व को लेकर मंदिर के कपाट रात में भी खुले रहे। कांवड़ियों ने त्रयोदशी का जल भोले पर अर्पित किया। मंदिर समिति के महामंत्री सतीश सिंघल ने बताया कि रात दस बजे तक एक लाख भक्त दर्शन कर चुके थे। मंगलवार तड़के चार बजे आरती के बाद मंदिर के कपाट खुल जाएंगे। तीन बजे से सिर्फ कांवड़ियों को प्रवेश दिया जाएगा।
अन्य मंदिरों में भी भक्तों का रेला
सदर बिल्वेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों का रेला उमड़ा रहा। केसर गंज स्थित झाड़खंडी महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने रुद्राभिषेक किया। न्यू मोहनपुरी स्थित दयालेश्वर महादेव मंदिर में पारे के शिवलिंग का अभिषेक हुआ। साकेत शिव मंदिर में शिव-पार्वती के विग्रह का श्रृंगार एक टक होकर लोग निहारते रहे। बुढ़ानागेट स्थित धर्मेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्तों की कतार लगी रही। मंदिर में शिवरात्रि पर फूल बंगला सजाया जाएगा। बाबा का मुकुट भी चढ़ाया जाएगा।
इस तरह संभालेंगे यातायात व्यवस्था
जिला प्रशासन और औघड़नाथ मंदिर प्रशासन की ओर से सोमवार औघड़नाथ मंदिर पर दो दिवसीय नागरिक सुरक्षा कोर मेरठ का कैंप लगाया गया। कैंप का उद्घाटन जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने किया। कैंप की प्रथम शिफ्ट सिविल लाइन प्रभाग द्वारा संचालित की गई है। इसी प्रकार शिफ्टवार प्रभागों की डयूटी लगाई गई है। तीन सौ से अधिक वार्डन अपनी सेवाएं देगी। साथ ही विभिन्न महत्वपूर्ण चौराहों पर चार सौ से अधिक वार्डन और पदाधिकारी व्यवस्था और यातायात नियंत्रण में सहयोग करेंगे। इस दौरान एसएसपी अजय साहनी, अपर जिलाधिकारी महेश चंद शर्मा, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सुभाष और नागरिक सुरक्षा के चीफ वार्डन संदीप गोयल भी उपस्थित रहे।
प्रसाद के 50 स्टाल लगेंगे
मंदिर परिसर के बाहर खोया-पाया शिविर से सोमवार को पूरे दिन बिछुड़ने वालों की सूचना प्रसारित होती रही। मंदिर के बाहर और अंदर स्वास्थ्य विभाग और निजी संस्थाओं द्वारा चिकित्सा शिविर में कांवड़ियों का उपचार हुआ। मंदिर मार्ग पर प्रसाद वितरण के 50 स्टाल शिवरात्रि पर लगाए जाएंगे।
वाहनों का आवागमन बंद
पुलिस ने सोमवार को ही नैंसी चौराहे, मंदिर मार्ग और एमएच रोड पर बैरिके¨डग कर वाहनों की आवाजाही रोक दी है। मंदिर के गर्भ गृह के ऊपर कंट्रोल रूम बनाया गया है।
आज दो घंटे बाद होगी महाआरती
औघड़नाथ मंदिर में कांवड़ियों की बड़ी संख्या के मद्देनजर मंगलवार शाम सात बजे होने वाली महाआरती नौ बजे होगी। पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि सुबह से दोपहर दो बजे तक आम भक्तों को प्रवेश दिया जाएगा। दोपहर दो बजे गर्भ गृह की साफ सफाई होगी, श्रृंगार के उपरांत लगभग आधे घंटे बाद मंदिर खोल दिया जाएगा। इसके बाद केवल कांवड़िया चतुर्दशी का जल चढ़ाएंगे।
रात्रि जागरण के बिना आराधना अधूरी
औघड़नाथ मंदिर में रात्रि में चार प्रहर की आरती होगी। सभी मुख्य मंदिरों में रात में पूजा-अर्चना का क्रम चलेगा। मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि मंगलवार को रात 9 बजे, 11 बजे, 1 बजे और 31 की तड़के चार बजे आरती होगी। रात भर भक्त भजन कीर्तन करेंगे।
आवभगत में लगे परिजन
कांवड़ लेकर शहर की सीमा में प्रवेश के बावजूद कांवड़िया जब तक चतुर्दशी का जलाभिषेक नहीं कर लेते तब-तक घर में प्रवेश नहीं करते। जितने समय वह कांवड़ उठाए रहते हैं घरों में भी सादा खाना बनता है। ऐसे में थके हारे कांवड़ियों के मंदिर परिसर में पहुंचते ही उनके परिजन उनसे मिलने पहुंचे। कुशलक्षेम पूछने का सिलसिला चलता रहा। नैंसी रोड, एमएच रोड, मंदिर मार्ग पर पारिवारिक मिलन जैसा माहौल रहा।
केसरिया सैलाब
औघड़नाथ मंदिर परिसर और मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग सोमवार की दोपहर तक कांवड़ियों से पूरी तरह पटे थे। पार्क और सड़क के किनारे लगी रेलिंग तरह-तरह की आकर्षक कांवड़ों से सजी हुई थी। पूरा क्षेत्र मानों भक्ति के केसरिया रंग में रग गया।
पुरा महादेव मंदिर में जलाभिषेक
कांवड़ यात्रा के अवसर पर बागपत के पुरा के भगवान परशुमेश्वर महादेव मंदिर में मंगलवार को आस्था का समुंदर उमड़ गया। लाखों शिवभक्तों ने पहुंचकर जलाभिषेक किया। जिधर-देखों उधर कांवड़ियां ही नजर आ रहे है। मेले का शुभारंभ रविवार सुबह विधि-विधान से हुआ था। तभी से ही शिवभक्त मंदिर पहुंच रहे है। घंटों लाइन में लगकर शिवभक्त जलाभिषेक कर रहे है, फिर उनके चेहरे पर जरा भी सिकन नहीं है। पुजारी पंड़ित जयभगवान शर्मा ने बताया कि मंगलवार की तड़के से शिवभक्त मंदिर में जलाभिषेक कर रहे है।
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