World Hypertension Day 2022: दवा खाकर भी 80 प्रतिशत का बीपी नार्मल नहीं, इन सात लक्षणों को न करें नजरअंदाज
World Hypertension Day 2022 दवा लेने में भारी लापरवाही पड़ रहा ब्रेन-हार्ट स्ट्रोक मौत के पांच बड़े कारणों में शामिल। वहीं हार्ट अटैक के मामले सर्वाधिक आ रहे। ऐसे में कुछ लक्षणों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी। चिकित्सकों की सलाह को जरूर मानें।
मेरठ, जागरण संवाददाता। World Hypertension Day 2022 शर्माजी दवा ले रहे हैं लेकिन उनका ब्लड प्रेशर कम नहीं हुआ। डाक्टर ने पड़ताल की तो पता चला शर्माजी दो की जगह सिर्फ एक गोली खा रहे हैं। नियमित चेकअप नहीं कराते। चिकनाईयुक्त खानपान व वजन पर नियंत्रण नहीं है। बीच में दवा छोड़ देते हैं। डाक्टरों ने बताया कि ऐसी लापरवाही 80 प्रतिशत मरीज बरत रहे हैं, जिन्हें बाद में हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, एंजाइना, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी, लंग्स में पानी जमा होने एवं आंख डैमेज का खतरा है। डाक्टरों का कहना है कि हर हाल में बीपी 130-80 से नीचे रखें। आज विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर पढ़ें यह खास रिपोर्ट।
ये हैं बड़े लक्षण
मेडिकल कालेज की फिजिशियन डा. योगिता बाली ने बताया कि हाई बीपी को साइलेंट किलर कहा जाता है। ज्यादातर में लक्षण नहीं उभरते। उन्हें पता ही नहीं कि उनका ब्लडप्रेशर बढ़ा हुआ है। लेकिन कई लक्षण ऐसे हैं, जिनको नजरंदाज करना खतरनाक होगा।
1. चक्कर-सुबह व शाम सिरदर्द व चक्कर आना।
2. आंखों में धुंधलापन-बीपी बढ़ने पर आंखों की रक्त वाहिनियां डैमेज होने से रेटिना का भी नुकसान पहुंचता है। हाइपरटेंसिव रेटिनोपैथी, कोरेडोपैथी एवं आक्टिक न्यूरोपैथी जैसी कई बीमारियां होती हैं।
3. छाती में दर्द-हार्ट में खून की आपूर्ति बाधित होने से छाती में दर्द होता है। बाईं बांह, गला एवं गर्दन तक दर्द पहुंचता है।
4. थकान-ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट की पंपिंग कमजोर पड़ने से थकान लगती है। लंग्स भी आक्सीजन का ठीक से एक्सचेंज नहीं कर पाता है।
5. नाक से खून-नाक की छोटी नलियां डैमेज होने से खून निकलता है।
6. सांस फूलना-बीपी ज्यादा रहने से लंग्स और हार्ट को लगातार नुकसान होता है। इससे सांस फूलती है।
7. पेशाब में खून-किडनी की रक्त वाहिनियां डैमेज होने पर हाइपरटेंसिंग नेफ्रोपैथी समेत कई बीमारियां हो सकती हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
18 साल से ज्यादा उम्र पर ब्लडप्रेशर की माप अधिकतम 130-80 होना चाहिए। बीपी ज्यादा होने पर दिल फैलने, स्ट्रोक, आंख व गुर्दे की बीमारी होती है। लोना साल्ट यानी लो सोडियम साल्ट बिना डाक्टर से परामर्श लिए न खाएं। इससे पोटैशियम बढ़ेगा, जो गुर्दे के मरीजों के लिए खतरनाक है। बीपी की दवा उम्रभर चलती है। इसे नियमित लें। टेबल साल्ट न खाएं। हरी सब्जी खाएं।
- डा. राजीव अग्रवाल, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ
25 से 35 साल की उम्र के दस में से तीन में हाई ब्लडप्रेशर है। यह चिंताजनक है। पांच साल से ज्यादा समय तक बीपी रहने से हार्ट की मोटाई बढ़ने लगती है। हार्ट पर लोड बढ़ने से सांस भी फूलती है। 80 प्रतिशत मरीज दवा लेकर भी बीपी नियंत्रित नहीं कर पा रहे। ऐसे में 24 घंटे में कम से कम एक बार समय बदलकर बीपी की जांच करें। दवा नियमित लें। फास्टफूड व एल्कोहल से दूर रहें। व्यायाम व शारीरिक श्रम जरूर करें।
- डा. संजीव सक्सेना, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ
ब्लडप्रेशर 130/80 पार न करने दें: डा. विनीत बंसल
मेरठ : पर्यावरण एवं स्वच्छता क्लब ने हाइपरटेंशन डे पर एक वेबिनार आयेजित किय, जिसमें वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. विनीत बंसल ने लोगों को ब्लडप्रेशर के खतरों से बचाव एवं इलाज की जानकारी दी। कहा कि भारत में हर आठ में से तीन व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर का रोगी है। यह अटैक और पैरालाइसिस का कारण बनता है। व्यायाम करने, नमक कम खाने एवं धूमपान से बचने की नसीहत दी।
हरी सब्जियों का सेवन महत्वपूर्ण
डा. बंसल ने बताया कि प्रतिदिन 45 मिनट पैदल चलना, साईकिलिंग, तैराकी, प्राणायाम व हरी सब्जियों का सेवन महत्वपूर्ण है। नाक से खून आना, सिर में अचानक तेज दर्द, घबराहट खास लक्षण हैं। सरसों और आलिव आयल का प्रयोग बेहतर होगा। किसी भी हाल में बीपी 130 और 80 की सीमा पार नहीं करना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट, आलू, चावल, नमक, तेल का प्रयोग करने से बचें। लक्ष्मी शर्मा, विपुल सिंघल, शालिनी अग्रवाल नवीन अग्रवाल, संजीव गर्ग, प्रिंस अग्रवाल, राजकुमार, सुशील, दीपांशु आदि उपस्थित रहे।