मॉडर्न कोचिंग के ऑनलाइन टिप्स दे रहा वर्ल्ड एथलेटिक्स
एथलेटिक्स में बेहतरीन खिलाड़ी तैयार करने के लिए दुनियाभर के जाने-माने कोच इनदिनों मंथन कर रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। एथलेटिक्स में बेहतरीन खिलाड़ी तैयार करने के लिए दुनियाभर के जाने-माने कोच इन दिनों मंथन कर रहे हैं। लॉकडाउन का सदुपयोग करते हुए जब खिलाड़ियों की ट्रेनिंग बंद है, तब वर्ल्ड एथलेटिक्स दुनियाभर के कोचों को कोचिंग के आधुनिक तौर-तरीकों से रूबरू करा रहा है। एथलेटिक्स में बिना किसी डोपिंग की मदद के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी तैयार करना वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती है।
शॉर्टकट सक्सेस के लिए पिछले कुछ सालों में कोच व खिलाड़ी मिलकर शक्तिवर्धक दवाओं का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करने लगे, जो अब नासूर बनने से रोकथाम शुरू की गई है। वर्ल्ड एथलेटिक्स और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सहयोग से एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया इन दिनों ऑनलाइन कोचेज ट्रेनिंग प्रोग्राम चला रहा है।
डोपिंग के 10 नियमों से कर रहे आगाह
भारतीय डोपिंगरोधी एजेंसी यानी नाडा हर खिलाड़ी को डोपिंग रोधी नियमों के प्रति जागरूक करता रहा है। अब हिदी की बुकलेट तैयार कर ग्रामीण स्तर तक के खिलाड़ियों को भी दी जा रही है, जिससे खिलाड़ी अपने करियर व शरीर पर डोपिंग के प्रतिकूल प्रभाव को जान सकें। इसमें 10 बिंदुओं पर खिलाड़ियों को डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन से बचने को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही प्रतिबंधित पदार्थो व पद्धतियों की सूची, डोपिंग नियंत्रण के 11 चरण, परीक्षण, परिणाम प्रबंधन आदि दिए गए हैं।
ये हैं 10 डोपिंग रोधीनियमों का उल्लंघन
-एथलीट के नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ की मौजूदगी।
-प्रतिबंधित पदार्थ या पद्धति का प्रयोग या प्रयोग का प्रयास।
-अधिसूचित किए जाने पर नमूना देने से मना करना या बहाना बनाना।
-एथलीट का ठिकाना बताने में विफलता या परीक्षण से चूक जाना।
-डोपिंग नियंत्रण प्रक्रिया के किसी भाग से छेड़छाड़ करना।
-कोई प्रतिबंधित पदार्थ या पद्धति रखना।
-प्रतिबंधित पदार्थ या पद्धति की तस्करी करना।
-एथलीट के लिए प्रतिबंधित पदार्थ का प्रबंध करना।
-डोपिंग में मदद करना या प्रोत्साहित करना।
-अयोग्य घोषित एथलीट पर लगे प्रतिबंध के बावजूद संबंध रखना।
डोपिंग नियंत्रण के 11 चरण
नाडा द्वारा खिलाड़ियों के परीक्षण में डोपिंग नियंत्रण के 11 चरण हैं। इनमें एथलीट का चयन, अधिसूचना, डोपिंग नियंत्रण स्टेशन को सूचित करना, नमूना संग्रह करना, खिलाड़ी का चयन, मूत्र का मात्रा, नमूना बांटना, नमूनों को सील करना, विशिष्ट घनत्व का माप, खिलाड़ी का डोपिंग नियंत्रण फार्म पूरा करना और प्रयोगशाला में नमूने की जांच करने की प्रक्रिया पूरा करना होता है।
25 से ट्रेनिंग का नया सत्र
इंटरनेशनल एसएएएफ व एएफआइ टेक्निकल सेमिनार का अगला कार्यक्रम 25 से 30 अप्रैल तक जूम पर चलेगा। इसमें वर्ल्ड एथलेटिक्स के साथ ही देश के विशेषज्ञ कोचेज को संबोधित करेंगे। इस बाबत उत्तर प्रदेश एथलेटिक्स संघ ने सभी एथलेटिक्स कोचेज को 23 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है। बिना रजिस्ट्रेशन सेमिनार में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।