वर्ल्ड अर्थराइटिस दिवस: कीटनाशकों की खुराक से बढ़ा गठिया का दर्द, ऐसे बरतें सावधानी
केमिकल से जीन में म्यूटेशन होने पर शरीर पोषक तत्व नहीं सोख पा रहा है। ऐसे में विशेषज्ञ गठिया से बचने के कारण और निवारण बता रहे हैं।
मेरठ (जेएनएन)। कम उम्र में हड्डियां बेजान हो रही हैं। जरा सी चोट पर हड्डियां टूट जाती हैं। जोड़ों में दर्द के इलाज की तमाम दवाएं बेअसर हो रही हैं। प्रदूषित खानपान, कैल्शियम व विटामिन डी की कमी और हार्मोन्स में गड़बड़ी से गठिया की बीमारी असाध्य होती जा रही है। बड़ी संख्या में रुमेटाइड अर्थराइटिस के मरीज मिल रहे हैं, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणामी स्वयं अपने खिलाफ काम करने लगती है। उधर, बच्चों में कमर की गठिया ज्यादा है।
दो दशक पहले तक जहां गठिया बड़ी उम्र की बीमारी मानी जाती थी, वहीं अब कम उम्र के युवा भी शिकार हो रहे हैं। 80 फीसद लोगों में विटामिन डी की कमी है। भारतीय जीन में डी अवशोषित करने की क्षमता कम है। 70 फीसद लोगों में कैल्शियम की कमी मिल रही है। डेक्सा स्कैन की रिपोर्ट से पता चला कि 60 फीसद मेरठ वालों की हड्डियां उनकी उम्र से ज्यादा बूढ़ी हो गई हैं।
गठिया के बढ़ गए मरीज
धूम्रपान, तंबाकू सेवन एवं हार्मोनल चेंज से गठिया बढ़ी है। पानी, हवा एवं सब्जियों के जरिए शरीर में पहुंचने वाले भारी तत्वों से रुमेटाइड गठिया ‘जिसमें शरीर की इम्यूनिटी अपने खिलाफ काम करते हुए जोड़ों पर हमला करने लगती है’ के मरीज बढ़े हैं। कई मरीजों में कार्टिलेज खराब होने पर घुटना एवं कुल्हा प्रत्यारोपण करना पड़ा। तमाम मरीजों में यूरिक एसिड की मात्र आठ से ज्यादा मिलने से भी जोड़ों में सूजन देखी जा रही है।
हड्डी तोड़ रसायनों से सावधान
- रंग बिरंगी सब्जियां, चमकदार टमाटर व मिलावटी मिठाइयों से बचें।
- एल्कोहल सेवन, चिकनाइयुक्त खानपान से बचें। बंद कमरों में ज्यादा देर न रहें।
- मोटापा व शुगर से बचें। कोल्ड डिंक, नमक, काफी, चीनी व दर्द निवारक दवा से भी नुकसान।
- कैल्शियम का टेबलेट बिना डाक्टर से पूछे न खाएं।
विशेषज्ञों की राय...
खेतीबाड़ी से खानपान तक में पेस्टिसाइड के प्रयोग, विटामिन डी, फास्फोरस व कैल्शियम की कमी, यूरिक एसिड के बढ़ने, प्रदूषण, व्यायाम में कमी एवं अन्य वजहों से अर्थराइटिस की बीमारी ज्यादा मिल रही है।
डा. श्याम मोहन, एसोसिएट प्रोफेसर
रुमेटाइड अर्थराइटिस सभी जोड़ों तक पहुंचकर दर्द को असाध्य बना देता है। हार्मोन्स में गड़बड़ी, जेनेटिक दिक्कत, धूम्रपान भी सभी प्रकार की गठिया में बड़ी वजह है। 45 वर्ष से ज्यादा उम्र वाली महिलाएं सावधान रहें।डा. अंकित जैन, गठिया रोग विशेषज्ञ