मेहनत और लगन से डिंपल ने हासिल किया लक्ष्य, कबड्डी में बन चुकीं बड़ा नाम
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस शामली के किसान की बेटी डिंपल भी अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर कबड्डी में बड़ा नाम बन चुकी हैं। सातवीं कक्षा से शुरू किया था कबड्डी खेलना। फिलहाल रेलवे में करती हैं नौकरी विभाग के लिए खेल रही।
शामली, जागरण संवाददाता। आज बेटियां हर क्षेत्र में सफलता के कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। गांव पीरखेड़ा निवासी किसान की बेटी डिंपल भी अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर कबड्डी में बड़ा नाम बन चुकी हैं। अब डिंपल रेलवे में जूनियर क्लर्क के पद पर है उनकी तैनाती कोलकाता में है।
डिंपल ने 2012 में कबड्डी खेलना शुरू किया था। एक साल बाद ही स्कूल गेम्स में राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयन हुआ। दो साल में तीन नेशनल खेले और शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन आफ इंडिया (एकेएफआइ) की नेशनल प्रतियोगिता के लिए उत्तर प्रदेश की टीम में चयन हुआ और टीम ने स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद 14 साल की उम्र में ही सीनियर कबड्डी इंडिया कैंप में स्थान बनाया। इसके बाद 2015 में यूपी से जूनियर नेशनल खेला। डिंपल राइट कार्नर की पोजीशन पर खेलती हैं। जब डिंपल ने कबड्डी खेलनी शुरू की तब वह होली चाइल्ड इंटर कालेज लपराना में सातवीं कक्षा की छात्रा थी। फिलहाल वह रेलवे की ओर से प्रतियोगिताओं में शिरकत करती है।
कोच के कारण ही मिली सफलता
डिंपल ने बताया कि उनकी सफलता का श्रेय कोच जबर सिंह खैवाल को जाता है। स्कूल टाइम से लेकर अब तक वहीं उनके कोच हैं और हर चुनौती से निपटने का मंत्र भी उन्हीं से मिला है। जबर सिंह कोच के साथ स्कूल में उनके शिक्षक भी रहे हैं।
मेहनत लाई रंग
कोच जबर सिंह ने बताया कि वर्ष 2012 में कालेज की चार टीम बनाई हुई थी। डिंपल को कबड्डी खेलकर अच्छा लगा और कहा कि स्कूल की एक टीम बनाई जाए और हम बाहर भी खेलने जाया करेंगे। इसके बाद डिंपल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज भी वह लगातार अभ्यास करती है।