महिला ने तोड़ा कानून..खाकी ने भी उड़ाई नियमों की धज्जियां
अपहृत लड़की को बरामद करने के मामले में गुरुग्राम और उप्र पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी ताक पर रख दिया। बगैर महिला पुलिसकर्मी के दबिश से लेकर महिला आरोपित की गिरफ्तारी की गई।
मेरठ । अपहृत लड़की को बरामद करने के मामले में गुरुग्राम और उप्र पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी ताक पर रख दिया। बगैर महिला पुलिसकर्मी के दबिश से लेकर महिला आरोपित की गिरफ्तारी की गई।
टीपीनगर थाना क्षेत्र के फाजलपुर कृष्णा विहार निवासी विशाल गुरुग्राम के सेक्टर-37 में रहता था। आरोप है कि वह एक नाबालिग का अपहरण करके मेरठ ले आया। किशोरी के घरवालों ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। शुक्रवार को गुरुग्राम के सेक्टर-37 के थाने के हेड कांस्टेबल मनोज कुमार ने टीम के साथ कृष्णा विहार में दबिश दी। वहां अपहृता मिल गई और पुलिस उसे लेकर चलने लगी। इस दौरान विशाल की बहन रेनू और पुलिसकर्मियों में मारपीट हो गई थी। शनिवार को इस मामले की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें एक पुलिसकर्मी और रेनू के बीच मारपीट हो रही है। वहां कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं है। हंगामे के बाद यूपी डायल 100 रेनू को थाने ले गई। तब भी महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। उधर, गुरुग्राम पुलिस अपहृता को अपने साथ ले गई।
कटघरे में पुलिस
महिला ने पुलिस के साथ मारपीट करके अपराध किया है, लेकिन इसमें दोनों प्रदेशों की पुलिस भी कटघरे में खड़ी होती है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई के दौरान महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं, वायरल वीडियो को लेकर लोग तमाम तरह की बातें कर रहे हैं। इन्होंने कहा..
महिला पुलिसकर्मी के बिना किसी महिला की गिरफ्तारी, तलाशी या पूछताछ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। शाम से लेकर सुबह तक किसी महिला को थाने में नहीं बैठाया जा सकता और न ही उसे थाने बुलाया जा सकता है। न ही दबिश दी जा सकती है। ऐसा करने पर महिला पुलिस के विरुद्ध रिट दायर कर सकती है और मुआवजा मांग सकती है।
-अनिल बख्शी, वरिष्ठ अधिवक्ता रेनू ने पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की थी, जिसमें वह जेल भेज दी गई है। दबिश व गिरफ्तारी के दौरान महिला पुलिसकर्मी थी या नहीं, इसकी जांच कराई जाएगी।
-रणविजय सिंह, एसपी सिटी