लॉकडाउन में कई चैलेंज स्वीकार कर रहीं महिलाएं
किसी भी परिस्थिति में खुश रहना जीना इसी का नाम है। लोग कोरोना महामारी से भयभीत हैं और लॉकडाउन के दौरान घर में बंद हैं। कुछ दिन तो परिवार के साथ हंसते-खेलते बीत गए लेकिन जैसे-जैसे लॉकडाउन बढ़ता जा रहा है लोग खुश रहने के नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं।
मेरठ, जेएनएन। किसी भी परिस्थिति में खुश रहना, जीना इसी का नाम है। लोग कोरोना महामारी से भयभीत हैं और लॉकडाउन के दौरान घर में बंद हैं। कुछ दिन तो परिवार के साथ हंसते-खेलते बीत गए, लेकिन जैसे-जैसे लॉकडाउन बढ़ता जा रहा है, लोग खुश रहने के नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। इस समय सोशल मीडिया महिलाओं के साड़ी चैलेंज से भरा पड़ा है, जिसे स्वीकार कर महिलाएं फेसबुक पर साड़ी पहने हुए अपनी फोटो पोस्ट कर रही हैं।
अब इससे एक कदम आगे निकलते हुए पुरुषों ने भी एक चैलेंज स्वीकार किया है कि वे अपनी पसंदीदा ड्रिंक पीते हुए अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करेंगे। बिना पार्टी और गेट-टुगेदर के भी अपने दोस्तों और परिजनों से जुड़े रहने का एक नया और अनोखा तरीका है। जब सभी लॉकडाउन की वजह से घर में बंद हैं, शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए दिलों के करीब रहने का यह आसान तरीका है। जिसमें साड़ी चैलेंज के बाद अब नया है नो मेकअप चैलेंज। पारंपरिक परिधान चैलेंज, बच्चों और फ्रेंड्स के साथ फोटो और उनके लिए अपने अहसास लिखकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करना जैसे कुछ नए चैलेंज भी महिलाएं ले रही हैं। इस चैलेंज की सबसे खास बात हैं कि एक महिला जिन 25 महिलाओं को फेसबुक पर टैग करेंगी, वह 25 महिलाएं आगे फिर 25 महिलाओं को अपनी फोटो टैग करेंगी और यह कड़ी ऐसी ही आगे बढ़ती जाएगी।
कैसे शुरू हुआ पता नहीं..एक
के बाद एक जुड़ते ही चले गए
साकेत निवासी ऋचा मित्तल बताती हैं कि सोशल मीडिया पर सबसे पहले साड़ी चैलेंज शुरू हुआ। घर में खाली बैठे समय बिताने के लिए यह एक अच्छा आइडिया था, तो बस सारी फ्रेंड्स इससे जुड़ती चली गई।
लॉकडाउन में नो मेकअप चैलेंज
सुपरटेक निवासी पिंकी गर्ग बताती हैं कि महिलाएं सोशल मीडिया पर बिना मेकअप के फोटो पोस्ट नहीं करती हैं। इसलिए नो मेकअप चैलेंज दिया गया है। इसमें बिना मेकअप और घर के कपड़ों में घर के काम करते हुए फोटो खींचकर पोस्ट करनी हैं, इसके बाद 50 फ्रेंड्स को टैग करना और वह 50 आगे 50 महिलाओं को टैग करेंगी।