मेरठ में जल्द ही धरातल पर दिखेगा सड़कों का जाल, फर्राटा भर रहीं एक्सप्रेस वे परियोजनाएं
मेरठ-बुलंदशहर नेशनल हाईवे संख्या-235 की राह भी साफ हो चुकी है। एनएच चौड़ीकरण के लिए ली जाने वाली भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है।
मेरठ। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को गति देने के लिए एक्सप्रेस वे और नेशनल हाईवे का निर्माण तेजी पर है। अहम बात यह है कि इनमें से अधिकांश हाईवे या एक्सप्रेस वे मेरठ से होकर गुजर रहे हैं। मुआवजे की बाधा लगभग पार हो चुकी है। अब यहां निर्माण कार्य ने तेजी पकड़ ली है। एक्सप्रेस और हाईवे के लिए करीब 1200 करोड़ का मुआवजा बांट दिया गया है।
मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे (ग्रीन फील्ड) निर्माण के लिए मेरठ क्षेत्र में अधिग्रहण प्रक्रिया लगभग पूर्ण कर ली गई है। ग्राम समाज और वन विभाग की करीब 12 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की औपचारिकताएं शेष हैं। मेरठ-बुलंदशहर नेशनल हाईवे संख्या-235 की राह भी साफ हो चुकी है। एनएच चौड़ीकरण के लिए ली जाने वाली भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। हाईवे की राह में बाधक मदरसे और कब्रिस्तान की समस्या का निस्तारण भी कर लिया गया है। केवल गांव फफूंड़ा स्थित भूमि के एक टुकड़े को लेकर मामला उलझा हुआ है। डीएम ने इसके सुलझाने के लिए भी आदेश जारी कर दिए हैं। मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे संख्या-119 के चौड़ीकरण के लिए भी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। मेरठ-मुजफ्फरनगर नेशनल हाईवे संख्या-58 के लिए अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण की जा चुकी है। इसके चौड़ीकरण के लिए अब धार्मिकस्थलों को भी हटा दिया गया है। 1,200 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित
जनपद में एक्सप्रेस वे और हाईवे निर्माण और चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि के लिए सरकार ने 1,200 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया है। इसमें मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे के लिए 640 करोड़, एनएच-235 के लिए 355 करोड़, एनएच-58 के लिए 195 करोड़ रुपये जारी किए गए। एक्सप्रेस वे लिए जारी मुआवजे में से अभी 15 करोड़ का वितरण बाकी है। एनएच-235 के मुआवजे में से मात्र सात करोड़ की धनराशि वितरण के लिए बची हुई है। एचएच-58 के लिए पहले ही मुआवजा वितरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। एनएच-119 के लिए 250 करोड़
मेरठ से पौड़ी वाया बिजनौर एनएच-119 के लिए जिले के 19 गांवों की 125 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें शहरी भूमि के लिए दो गुणा और किसानों की भूमि के लिए चार गुणा मुआवजा दिया जाएगा। चयनित की गई भूमि से ग्राम समाज और वन विभाग की भूमि भी सम्मलित है। भूमि अधिग्रहण के लिए 250 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। अपनों में उलझा है नाममात्र का वितरण
परियोजनाओं के लिए जारी अधिकांश मुआवजे का वितरण हो चुका है। कुछ मामलों में जरूर वितरण की प्रक्रिया लंबित है। इसका कारण भूमि पर हक और मुआवजा पाने के लिए आपसी विवाद हैं। कुछ मामले कोर्ट में होने के कारण भी मुआवजे की रकम वितरित करने में दिक्कत आडे़ आ रही हैं। न्यमेरिक्स
640 करोड़ मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के लिए
355 करोड़ नेशनल हाईवे-235 के लिए
195 करोड़ एनएच-58 के लिए रुपये जारी किए गए
15 करोड़ बाकी है एक्सप्रेस वे का मुआवजा
07 करोड़ रुपये शेष है एनएच-235 का मुआवजे जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि एक्सप्रेस वे और नेशनल हाईवे के लिए जारी मुआवजे का भुगतान लगभग कर दिया गया है। कुछ मामले कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण निस्तारित नहीं हो पाए हैं। इससे परियोजनाओं के निर्माण पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।