बेटियों को यौन शोषण के प्रति जागरूक और मजबूत बनाएगी 'कोमल'
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के साथ उनकी सुरक्षा को लेकर भी सजग है। खासकर स्कूली बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए और जागरूक करने के लिए कोमल नाम से एक वीडियो तैयार किया गया है।
मेरठ । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के साथ उनकी सुरक्षा को लेकर भी सजग है। खासकर स्कूली बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए और जागरूक करने के लिए कोमल नाम से एक वीडियो तैयार किया गया है। पिछले कुछ सालों से इस वीडियो के माध्यम से सीबीएसई के हर स्कूल में छात्राओं को सतर्क किया जा रहा है। स्कूलों को भेजे गए पत्र में सीबीएसई ने इस वीडियो को समय- समय पर चलाने के लिए कहा है।
सीबीएसई की ओर से कोमल नाम का यह वीडियो काफी पहले तैयार किया गया था। दस मिनट की इस शॉर्ट एनिमेटेड फिल्म को भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय की चाइल्डलाइन संस्था की ओर से बनाया गया है। सीबीएसई ने इसे यू ट्यूब पर अपलोड किया है। इस फिल्म के माध्यम से गर्ल्स स्टूडेंट्स को गुड टच और बैड टच के विषय में बताया जाता है।
ऐसी है कोमल की कहानी
एनिमेटेड फिल्म कोमल में स्कूल जाने वाली लड़की कोमल को दिखाया गया है। कोमल ऐसी बच्ची है जो पढ़ाई के साथ खेलकूद में आगे रहती है। उसके मम्मी-पापा उसे प्रेम करते हैं। एक दिन उनके पड़ोस में उसके पिता का दोस्त रहने आता है। वह बच्ची को को चॉकलेट देकर बहलाता है और बाद में उसके साथ दुर्व्यवहार करता है। बच्ची डर के कारण कुछ नहीं बोलती, लेकिन पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाती है। बच्ची से जब उसकी शिक्षिका प्रेम से पूछती हैं तो वह सारी सच्चाई बताती है। इसके बाद शिक्षिका उसके अभिभावक को इसके विषय में बताती है। चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर ही इसकी सूचना दी जाती है। यह हेल्पलाइन स्कूल में बच्चियों को गुड टच और बैड टच के बारे में जानकारी देती है।
अभिभावक भी देख सकते हैं
सीबीएसई ने स्कूलों के साथ अभिभावकों को भी कहा है कि वह यू ट्यूब से फिल्म देखकर बच्चों को बताएं कि गुड टच और बैड टच क्या है।
जागरूकता के लिए जरूरी
सीबीएसई की काउंसलर डा. पूनम देवदत्त का कहना है कि छोटी बच्चियों को जागरूक करने की जरूरत बहुत है। बच्चियां बहुत सारी चीजों को नहीं जानती हैं। इस फिल्म में बड़ी सावधानी से मैसेज दिया गया है। यह बच्चों और अभिभावकों दोनों के लिए उपयोगी है। सेंट जोंस सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल चंद्रलेखा जैन का कहना है कि यह फिल्म छोटी बच्चियों के लिए उपयोगी है। समय-समय पर इसे स्कूल में दिखाया जाता है। नए शैक्षणिक सत्र में भी छात्राओं को जागरूक करने के लिए ये फिल्में फिर से चलाई जाएंगी।